Edited By Yakeen Kumar, Updated: 15 Sep, 2025 08:44 PM

भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े की जांच अब राज्य अपराध शाखा मधुबन को सौंप दी गई है।
पानीपत : पानीपत में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े की जांच अब राज्य अपराध शाखा मधुबन को सौंप दी गई है। इससे पहले यह मामला हिसार क्राइम ब्रांच के पास था। शिकायतकर्ता एडवोकेट सुभाष चंद्र का आरोप है कि हिसार ब्रांच ने 7 महीने की जांच में 1500 में से केवल 150 लाभार्थियों के ही बयान दर्ज किए। इस पर उन्होंने डीजीपी को दोबारा पत्र लिखकर जांच मधुबन शाखा को सौंपने की मांग की, जिसके बाद डीजीपी ने कार्रवाई की।
यह घोटाला वर्ष 2018 से 2020 के बीच का है, जब कुछ अफसरों और दलालों ने मिलीभगत कर फर्जी श्रमिक दिखाकर मजदूर कल्याण योजनाओं के लगभग 100 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। 2020 में एडवोकेट सुभाष चंद्र ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। श्रम विभाग की 2 SIT ने जांच कर बोर्ड के तत्कालीन सहायक निदेशक हरेंद्र मान, सहायक कल्याण अधिकारी एन.के. सिंपल और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
एक ही दिन में 1321 आवेदन किए स्वीकृत
पहली SIT की जांच में सामने आया कि हरेंद्र मान ने एक ही दिन में 1321 आवेदन स्वीकृत किए, जिनमें से जांच के लिए चुनी गई 100 फाइलों में 70 फर्जी पाई गईं। 17 अगस्त 2020 को कार्रवाई की सिफारिश हुई, लेकिन अमल न होने पर शिकायतकर्ता हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर नवंबर 2024 में केस दर्ज हुआ, फिर भी ठोस कदम नहीं उठे।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)