Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 11 May, 2025 07:40 PM

सेक्टर-66 में एक बार फिर बिल्डर की मनमानी का मामला सामने आया है। बिल्डर की मनमानी के विरोध में सेक्टर-66 के बीपीटीपी प्राइम में रहने वाले निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया। जहां बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
गुड़गांव, (ब्यूरो): सेक्टर-66 में एक बार फिर बिल्डर की मनमानी का मामला सामने आया है। बिल्डर की मनमानी के विरोध में सेक्टर-66 के बीपीटीपी प्राइम में रहने वाले निवासियों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया। जहां बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
सोसाइटी निवासियों का आरोप है कि साल-2008 में उनकी सोसायटी का प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। उस दौरान 11 एकड में एकड़ में बीटीपी की प्राइम सोसायटी बनाई जानी थी। सोसायटी में कुल 10 टावर थे जिसके बगल में लगी हुई 3 एकड़ की जमीन का कोई जिक्र नहीं था। आरोप है कि अब बिल्डर ने नियमों को ताक पर रखते हुए तीन एकड़ की जमीन पर हाई राइज रेजिडेंशियल इमारत बनाकर उनको बीपीटीपी प्राइम सोसाइटी में शामिल करना चाहता है। इसी बात को लेकर बेसमेंट की खुदाई का काम भी शुरू किया गया है। प्रर्दशनकारियों ने बताया अगर यह फ्लैट तैयार हो गए तो वहाँ बसने वाले लोगों को बीपीटीपी प्राइम से रास्ता दिया जाएगा। तमाम जो जरूरत की चीज हैं वह बीपीटीपी प्राइम की इस्तेमाल के लिए दे दी जाएगी। बीपीटीपी प्राइम में पहले से ही निकासी के लिए रास्ते की समस्या है। ऐसे में अगर 500 से ज्यादा लोग यहां रहने के लिए आ जाएंगे तो आने वाले समय में बहुत समस्या हो सकती है। लोगों की मानें तो इसकी शिकायत 8 से ज्यादा विभागों में की जा चुकी है।
हालांकि विभागीय अधिकारियों ने दावा किया है के बिल्डर की मनमानी नहीं चलेगी। बावजूद इसके पिछले तीन दिनों से यहां बेसमेंट की खुदाई के बाद मिट्टी ढुलाई का काम लगातार जारी है। रोजाना-50 से ज्यादा डंपर यहां मिट्टी लोड करके इस इलाके से गुजरते हैं। उस दौरान पूरी सोसाइटी में धूल उड़ने लगती है। जिसकी वजह से सोसाइटी में रहने वाले बुजुर्गों को सांस की भी समस्या होने लगी है। बिल्डर कि मनमानी को रोकने के लिए समिति निवासियों ने कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह के सामने भी गुहार लगाई। कैबिनेट मंत्री ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि बिल्डर की मनमानी को रोकने का जल्द प्रयास करेगें। बताया गया है कि अधिकारियों द्वारा मौके पर ही बिल्डर को फोन करके धमकाया भी था बावजूद इसके यहां पर यहां काम नहीं रुका।