एमसीजी ने बांध का अस्तित्व खत्म कर बना दिया डंपिंग स्टेशन

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 28 Nov, 2024 07:35 PM

mcg ended the existence of the dam and made it a dumping station

ग्रामीण सुशांत, जनकराज दायमा, सुभाष समेत अन्य का कहना है कि नगर निगम द्वारा बंधवाड़ी में बनाए गए कचरा निस्तारण प्लांट को समाप्त करने में जुटा है। ऐसे में नगर निगम द्वारा कई स्थानों पर छोटे-छोटे डंपिंग स्टेशन बनाए जाने की कवायद शुरू की गई थी।

गुड़गांव, (ब्यूरो): नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रीस्टोर किए जा रहे जल स्रोत का अस्तित्व अब नगर निगम खत्म करने में जुटा है। गुड़गांव के कादरपुर के जल स्रोत को नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कादरपुर बांध के साथ बने जल स्रोत को नगर निगम ने डंपिंग स्टेशन बना दिया है जिसके कारण न केवल बांध का अस्तित्व खत्म हो रहा है बल्कि भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। हैरत की बात यह है कि नगर निगम अधिकारियों को इस बारे में ग्रामीणों ने शिकायत भी दी है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी उनकी सुनवाई करने की बजाय अपनी मनमर्जी करने में जुटे हुए हैं।

 

ग्रामीण सुशांत, जनकराज दायमा, सुभाष समेत अन्य का कहना है कि नगर निगम द्वारा बंधवाड़ी में बनाए गए कचरा निस्तारण प्लांट को समाप्त करने में जुटा है। ऐसे में नगर निगम द्वारा कई स्थानों पर छोटे-छोटे डंपिंग स्टेशन बनाए जाने की कवायद शुरू की गई थी। नगर निगम ने जहां भी नए कचरा निस्तारण प्लांट बनाने की शुरूआत की वहीं, लोगों ने इसका विरोध कर दिया जिसके बाद नगर निगम अधिकारियों ने कादरपुर में कचरा डलवाना शुरू कर दिया। यहां नगर निगम के पास पांच एकड़ से भी अधिक जमीन बांध के पास मौजूद थी। ग्रामीणों की मानें तो यहां पहले पॉलीथीन का कचरा डालने के बाद नगर निगम द्वारा दूसरा कचरा डालना शुरू कर दिया जिससे उठने वाली बदबू के कारण उनका जीना मुहाल हो गया है। 

 

ग्रामीणों की मानें तो इस बांध के पास पड़ी इस जमीन पर बरसात के दिनों में अरावली से पानी आकर इक्ट्ठा होता था। इस पानी से न केवल भूजल रीचार्ज होता था, बल्कि साल भर पशुओं के पीने  के लिए पानी भी उपलब्ध रहता था, लेकिन नगर निगम ने अब इसे जलस्रोत की बजाय कूड़ा स्रोत बना दिया है। इससे उठने वाली बदबू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीणों की मानें तो वह अपनी शिकायत लेकर नगर निगम अधिकारियों के पास गए थे, लेकिन उनकी सुनवाई के नाम पर अधिकारी खाना पूर्ति कर रहे हैं। अब उनके पास एक ही रास्ता बचा है कि वह सड़कों पर उतरकर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन शुरू करें तथा एनजीटी का सहारा लेकर निगम के खिलाफ कार्रवाई कराएं।

 

आपको बता दें कि बंधवाड़ी में बनाए गए कचरा निस्तारण प्लांट से लगातार रिस रहे लीचेड के कारण आसपास करीब एक किलोमीटर एरिया का भूजल दूषित हो गया है। यहां आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी पनप रही है जिसके कारण लोग इसका विरोध कर रहे थे। इस कचरे के पहाड़ को समाप्त करने के लिए एनजीटी ने भी नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाई थी जिसके बाद इस पहाड़ को समाप्त करने के लिए नगर निगम अधिकारी हरकत में आए। अब फाइलों में काम पूरा करने के लिए नगर निगम अधिकारियों ने बंधवाड़ी से कचरे का निस्तारण तो तेज करा दिया है, लेकिन शहर में जलस्रोतों को समाप्त कर उसे नया डंपिंग स्टेशन बनाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि जीएमडीए द्वारा शहर में जलस्रोतों को बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं ताकि भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके, लेकिन नगर निगम के अधिकारी ही इन जलस्रोतों को समाप्त करने में जुटे हैं। अब देखना यह होगा कि नगर निगम अधिकारी ग्रामीणों की समस्या का किस तरह से समाधान करते हैं। 

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