Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 30 Sep, 2024 08:05 PM
राजस्थान में उपचुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दरअसल, सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं. दलित मतदाताओं पर सभी दलों की नजर हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अब अपने मजबूत नेताओं को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है.
गुड़गांव, (ब्यूरो): राजस्थान में उपचुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दरअसल, सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं. दलित मतदाताओं पर सभी दलों की नजर हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अब अपने मजबूत नेताओं को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. पार्टी ने अपने पुराने कार्यकर्ता चिरंजी वर्मा को एससी विभाग का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. पिछले दिनों यह नियुक्ति दी गई है. इस नियुक्ति को कई मायनों में जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस राजस्थान में इन दोनों एससी वोटर्स पर पूरा फोकस है. उन सभी नेताओं को सामने ला रही है जो पिछले कई वर्षों से पार्टी में काम कर रहे हैं.
क्या कहा अध्यक्ष ने ...
चिरंजी वर्मा कांग्रेस पार्टी से पिछले 21 साल से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में एनएसयूआई के टिकट पर छात्र संघ चुनाव लड़ा. उसके बाद वर्ष 2005 में पंचायत राज में उपसरपंच रहा. 2010 में पंचायत समिति का चुनाव जीता. आमेर से 2015 में कांग्रेस पार्टी से जिला पार्षद का चुनाव लड़ा. जिले में यूथ कांग्रेस का महासचिव भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी है उसको हम आगे बढ़ाएंगे. एससी प्रकोष्ठ को मजबूत करेंगे. जिसमें एससी प्रकोष्ठ में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा.
चार सीटों पर सीधा प्रभाव
राजस्थान में होने वाले सात विधानसभा सीटों में से चार सीटें एससी बाहुल्य हैं. जहां पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है. देवली- उनियारा, चौरासी, सलूंबर और दौसा इन सीटों पर सीधा एससी वोटर्स का असर दिखाई देगा. इसलिए कांग्रेस यहां पर अपने सभी एससी नेताओं को जोड़ रही है. उनके साथ ही पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. चिरंजी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात की है.