आई-क्यू ने अपने #EyesOnTheFuture अभियान के तहत गुरुग्राम में 350 वंचित बच्चों का फ्री ई चेकअप किया

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 11 Oct, 2024 08:18 PM

iq conducted free e checkup for its 350 underprivileged children

वर्ल्ड साइट डे के अवसर पर आई-क्यू की आई एक्सपर्ट्स की एक टीम ने गुड़गांव स्थित एनजीओ 'मेरा परिवार' के बच्चों की आंखों की जांच की।

गुड़गांव, (ब्यूरो): देश के सबसे बड़े सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में से एक 'आई-क्यू' (Eye-Q) ने 10 अक्टूबर को वर्ल्ड  विश्व दृष्टि दिवस (World Sight Day) के अवसर पर गुड़गांव स्थित एनजीओ 'मेरा परिवार' में 350 वंचित बच्चों का फ्री आई चेकअप किया। इस पहल का उद्देश्य इस साल के थीम "Love Your Eyes Kids" के तहत जो बच्चों की दृष्टि जरूरतों और नेत्र स्वास्थ्य के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप के महत्व पर ध्यान केंद्रित करता है।

 

आई-क्यू के #EyesOnTheFuture अभियान के तहत इस स्क्रीनिंग का उद्देश्य उन गंभीर बाधाओं को दूर करना था जिनका सामना कई गरीब बच्चों को आंखों से जुड़ी  देखभाल सेवाओं तक पहुंचने में करना पड़ता है। अनाथालयों और वंचित वर्ग से आने वाले बच्चों के पास नियमित आंखों की जांच कराने के लिए साधन नहीं होते, जिससे उनकी दृष्टि संबंधी समस्याएं बिना इलाज के और ज्यादा बिगड़ जाती हैं, जिससे उनके विकास, शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन जरूरतों को पहचानते हुए आई-क्यू ने इन बच्चों को नेत्र देखभाल देने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं। दुनिया भर में 450 मिलियन बच्चे बिना इलाज की दृष्टि समस्याओं से पीड़ित हैं। ऐसे में जागरूकता को बढ़ावा देना और जरूरी कदम उठाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। भारत में 0 से 15 वर्ष की उम्र के हर 1,000 बच्चों में से 1 बच्चा अंधा है, जो इस प्रकार की पहलों के महत्व को और अधिक बढ़ाता है।  

 

आई-क्यू के टॉप आई केयर स्पेशलिस्ट की एक टीम ने बच्चों की आंखों के एजांच की। इस कार्यक्रम के दौरान जिन बच्चों को corrective lenses की जरूरत थी, उन्हें नए चश्मे दिए गए और जिन्हें आगे के लिए दृष्टि सुधार के लिए सपोर्ट की जरूरत थी उन्हें भी सहायता प्रदान की गई।

 

आई-क्यू के फाउंडर और सीएमडी डॉक्टर अजय शर्मा ने कहा, बच्चों को रिफ्रैक्टिव एरर (refractive errors), एम्ब्लियोपिया (amblyopia), और स्ट्रैबिस्मस (strabismus) जैसी दृष्टि समस्याओं का ज्यादा जोखिम होता है। यह समस्याएं उनके सीखने और समग्र विकास पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। आंखों और दृष्टि की नियमित जांच जरूरी है ताकि इन समस्याओं की जल्दी पहचान की जा सके, क्योंकि कई बच्चे अपनी दृष्टि की समस्याओं से अनजान हो सकते हैं। समय पर हस्तक्षेप करना जरूरी है ताकि ये स्थितियां उनकी शिक्षा के अवसरों को बाधित न करें और उनके जीवन की गुणवत्ता को कम न करें। सौभाग्य से इन समस्याओं को हल करना अब आसान हो सकता है। बस एक बच्चे को एक जोड़ी चश्मा देने से उनकी दृष्टि काफी बहाल हो सकती है और शिक्षा में प्रदर्शन और सामाजिक बातचीत दोनों में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है।

 

उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार'के इस प्रयास के जरिए हम 350 वंचित बच्चों को आंखों से जुड़ी देखभाल प्रदान करके गर्व महसूस कर रहे हैं। हम उन्हें पूरा समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसकी उन्हें सफलता के लिए जरूरत है। इन बच्चों को दृष्टि का उपहार देकर, हम उनके भविष्य में निवेश कर सकते हैं और एक स्वस्थ, अधिक समान समाज बनाने में मदद कर सकते हैं।'

 

मेरा परिवार के डायरेक्टर श्री अनिल लांडे ने आई-क्यू की भागीदारी के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'हम आई-क्यू के स्थायी समर्थन और हमारे बच्चों की स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए बहुत आभारी हैं। यह पहल न केवल उनकी जरूरी दृष्टि देखभाल की जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि उन्हें बेहतर दृष्टि के लिए जरूरी उपकरण भी प्रदान करती है, जो उनके भविष्य के लिए आवश्यक हैं। आई-क्यू के साथ हमारी साझेदारी हमारे बच्चों के लिए बेहतर संसाधन और देखभाल प्रदान करने में हमारी क्षमता को बढ़ाती है।'

 

साल 2006 में स्थापित 'मेरा परिवार' एक रजिस्टर्ड नॉन-प्रॉफिट चैरिटेबल एनजीओ है, जो 17 वर्षों से गुड़गांव में वंचित समुदायों की सेवा के लिए समर्पित है। अपने आउटरीच प्रोग्राम के जरिए मेरा परिवार ने 2।5 मिलियन से अधिक जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जो भारत के सात राज्यों और 18 जिलों में फैला हुआ है। संगठन शिक्षा, सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए साफ पानी की सुविधाएं, युवाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग और भोजन वितरण जैसे विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है, जिसका उद्देश्य ऐसे समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

 

आई-क्यू को अपने सामाजिक जिम्मेदारी और आउटरीच पहलों के लिए लंबे समय से पहचाना गया है। इस दौरान इस संगठन ने डोर टू डोर आई चेकअप कैंप, फ्री आई चेकअप कैंप और हेल्थ मैराथनों जैसे कई आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन किया है। इनका उद्देश्य आंखों के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 17 वर्षों से अधिक के अनुभव और 1 करोड़ से अधिक मरीजों का इलाज करने वाले आई-क्यू का उद्देश्य साल 2027 तक 6 लाख व्यापक आंख जांच करने के अपने बड़े लक्ष्य को पूरा करना है।

 

आई-क्यू का उद्देश्य आंखों की देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाना इस आयोजन से कहीं अधिक बड़ा है। 17 से अधिक वर्षों की विरासत और 1 करोड़ से अधिक मरीजों का उपचार करने वाला आई-क्यू आउटरीच प्रोग्राम जैसे फ्री आई चेकअप कैंप, डोर टू डोर आई चेकअप और हेल्थ अवेयरनेस चला रहा है। आई-क्यू के वर्तमान में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और अन्य क्षेत्रों में 30 से अधिक सुपर-स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल हैं। आई-क्यू साल 2027 तक 7 नए अस्पताल स्थापित करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

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