Edited By Yakeen Kumar, Updated: 09 Dec, 2025 09:40 PM

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज पीएम श्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बरवाला (पंचकूला) में आयोजित इंटरेक्टिव सेशन के दौरान अपने शैक्षणिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को संघर्ष से कभी डरना नहीं चाहिए।
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज पीएम श्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बरवाला (पंचकूला) में आयोजित इंटरेक्टिव सेशन के दौरान अपने शैक्षणिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को संघर्ष से कभी डरना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि वे स्वयं संघर्ष करते हुए ही इस मुकाम तक पहुँचे हैं। प्रसिद्ध कथन ‘विनर्स डोंट डू डिफरेंट थिंग्स, दे डू थिंग्स डिफरेंटली, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जो भी कार्य करें, उसे श्रेष्ठ ढंग से करने का प्रयास करें। उन्होंने सलाह दी कि सबसे गंभीर समस्या का समाधान सबसे पहले करने की आदत विकसित करें और समस्याओं का साहसपूर्वक सामना करें।
इस दौरान उन्होंने छात्राओं से स्वयं से प्रतिस्पर्धा करने, दूसरों की सहायता करने और जीवन में सदैव सत्य एवं नेक नीयत के मार्ग पर चलने का मूल मंत्र दिया। लगभग एक घंटा चले इस सत्र में मुख्य सचिव ने छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर दिए और जीवन में आगे बढ़ने के लिए उन्हंे मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिश्रम करें, स्वयं पर विश्वास रखें और एक बेहतर नागरिक बनकर देश के नव-निर्माण में योगदान दें।
मुख्य सचिव ने आत्म-प्रतिस्पर्धा पर बल देते हुए छात्राओं से कहा कि वे दूसरों से प्रभावित हुए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। यदि किसी प्रकार की कमी महसूस हो तो उसे दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जहां भी किसी को सहायता की आवश्यकता हो, वहां मदद अवश्य करें, क्योंकि दूसरों की सहायता से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो आगे बढ़ने में सहायक है।
सत्य और नेक नीयत को जीवन का आधार बनाने का संदेश देते हुए श्री रस्तोगी ने कहा कि विद्यालय में अध्यापक और साथी छात्राओं का विश्वास बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपना चरित्र इतना सुदृढ़ बनाएं कि जहां भी जाएं, उनकी विश्वसनीयता बनी रहे। उन्होंने खेलों को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देते हुए कहा कि स्वस्थ और निरोगी रहकर ही अच्छी तरह पढ़ाई की जा सकती है।
इच्छाशक्ति को सफलता का मूलमंत्र बताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि यदि जीवन में इच्छाशक्ति नहीं होगी, तो कोई भी व्यक्ति हमें आगे बढ़ने में मदद नहीं कर सकता। उन्होंने छात्राओं को ऐसे व्यक्तियों को अपना आदर्श बनाने की प्रेरणा दी, जो उन्हें निरंतर प्रोत्साहित करते रहें।
अध्यापकों के महत्व पर बोलते हुए श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता में अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान है। विद्यार्थी जितना अधिक अध्यापकों को मान-सम्मान देंगे, उतनी ही अधिक ज्ञान प्राप्ति होगी। अध्यापक न सिर्फ शैक्षणिक ज्ञान देते हैं, बल्कि विद्यार्थियों की रुचि और योग्यता के आधार पर करियर चुनने में भी सहायता करते हैं।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री जितेंद्र दहिया के अलावा पंचकूला की जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती संध्या मलिक और पीएम श्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बरवाला की प्रिंसिपल श्रीमती सुनीता भी मौजूद रहीं।