Edited By Isha, Updated: 28 Nov, 2025 06:37 PM

हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन/एसीपीएल को कनिष्ठ कर्मचारियों के बराबर स्टेपिंग-अप किए जाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, वित्तीय
चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन/एसीपीएल को कनिष्ठ कर्मचारियों के बराबर स्टेपिंग-अप किए जाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, वित्तीय शक्तियां री-डेलीगेट करने से जुड़े पीएफआर वाॅल्यूम-1 के नियम 19.1 के नीचे नोट 5 के सम्बन्ध में भी स्थिति स्पष्ट की गई है। मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, द्वारा इस सम्बन्ध में दो अलग-अलग पत्र जारी किए गए हैं।
वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि 20 दिसम्बर, 2024 को जारी निर्देशों के अनुसार, वरिष्ठ कर्मचारी का वेतन/एसीपीएल कनिष्ठ कर्मचारी के बराबर तभी स्टेपिंग-अप किया जा सकता है, जब वरिष्ठ कर्मचारी एचसीएस (एसीपी) नियम, 2016 के तहत एसीपी के पात्र हों। हालांकि, यदि कनिष्ठ कर्मचारी को व्यक्तिगत कारणों से अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है तो उस स्थिति में स्टेपिंग-अप देय नहीं होगा।
यह देखने में आया है कि विभागों द्वारा इन मामलों की जांच स्वयं करने की बजाय इन्हें वित्त विभाग को भेजा जा रहा है। अतः सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों की जांच अपने स्तर पर करें और केवल उन्हीं मामलों का विवरण पूर्ण तथ्यों सहित वित्त विभाग को भेजें जो उपरोक्त आदेशों के दायरे में नहीं आते।
इसके अतिरिक्त, वित्त विभाग ने पीएफआर वाॅल्यूम-1 के नियम 19.1 के नीचे दिए गए नोट 5 के संबंध में भी विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार, यह देखने में आया है कि कुछ विभागाध्यक्ष अपनी वित्तीय शक्तियां फील्ड अधिकारियों को री-डेलीगेट कर रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। प्रशासनिक विभाग केवल अपने विभाग में कार्यरत राजपत्रित अधिकारियों, जैसे सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, या एसएएस कैडर अधिकारियों को ही ये शक्तियां सौंप सकते हैं। इसी तरह, विभागाध्यक्ष केवल अपने कार्यालय के राजपत्रित अधिकारियों, जैसे अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक आदि को ही ये शक्तियां री-डेलीगेट कर सकते हैं।
प्रशासकीय सचिव अपनी वित्तीय शक्तियां किसी भी परिस्थिति में विभागाध्यक्षों को री-डेलीगेट नहीं कर सकते और विभागाध्यक्ष अपनी वित्तीय शक्तियां फील्ड अधिकारियों या कार्यालय प्रमुखों को नहीं सौंप सकते।