Edited By Isha, Updated: 14 Nov, 2019 12:38 PM
फसल बर्बादी पर मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने बुधवार को डी.सी. आफिस में नारेबाजी करते विरोध-प्रदर्शन किया। सभा के प्रतिनिधियों ने डी.आर.ओ. पूनम बबर......
रोहतक (स.ह.) : फसल बर्बादी पर मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने बुधवार को डी.सी. आफिस में नारेबाजी करते विरोध-प्रदर्शन किया। सभा के प्रतिनिधियों ने डी.आर.ओ. पूनम बबर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि किसान मई महीने से मुआवजे की मांग को लेकर परेशान हैं। उन्हें न तो उचित मुआवजा मिल रहा है बल्कि मुआवजे को लेकर दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। किसान नेताओं प्रशासन को चेतावनी देते हुएकहा कि अगर समय रहते अधिकारियों ने उन्हें मुआवजे की उचित राशि नहीं दिलवाई तो मजबूरन उन्हें प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रूपरेखा तैयार करनी होगी।
बर्बाद हुई फैसल के बाद खाली पड़ी है जमीन
किसान नेता बलवान सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई खरीफ फसल एवं खाली रही जमीन के मुआवजे को लेकर आज उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला अधिकारी डी.आर.ओ. पूनम बबर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कलानौर तहसील के गांव गुढ़ान, कटेसरा, कलानौर खुर्द, बनियानी की सैंकड़ों एकड़ धान, कपास की फसल बारिश के चलते बर्बाद हो गई थी जलभराव होने से पानी को निकलवाने में मशक्कत करनी पड़ी थी, जिसकी वजह से न केवल खरीफ बल्कि अगली रबी की फसल की बुआई भी नहीं हो पाई थी व वो पूरी भूमि खाली रह गई थी। 2 फसलों के बर्बाद होने से किसानों को आॢथक नुक्सान झेलना पड़ रहा है।
मुआवजा स्वीकृत हो चुका लेकिन किसानों में नहीं बांट रहे
किसान नेताओं ने बताया कि ताजा हालत यह बनी हुई है कि इस नुक्सान को हुए एक साल बीत चुका है जिसका मुआवजा स्वीकृत हो चुका है परंतु किसानों को बांटा नहीं जा रहा। आज किसान घाटे की खेती करने को मजबूर हैं सरकार की नीतियों के कारण खेती करने वाला कर्जवान होता जा रहा है और सरकार किसानों के हक की नीतियां बनने के बजाय अन्य मामलों में उलझा रही है। प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जिसके खिलाफ आज किसान सभा ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की।