लापरवाही: गलत इंजैक्शन लगाने से 11 माह के बच्चे का काटना पड़ेगा हाथ

Edited By Deepak Paul, Updated: 08 Dec, 2018 11:40 AM

negligence the 11 month old child will be bitten by the wrong injection

सनौली रोड स्थित हैदराबादी अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसमें एक कम्पाऊंडर ने 11 माह के बच्चे के हाथ में गलत इंजैक्शन लगा दिया। इससे बच्चे के हाथ में इंफैक्शन फैल गया।

पानीपत(अनुज): सनौली रोड स्थित हैदराबादी अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसमें एक कम्पाऊंडर ने 11 माह के बच्चे के हाथ में गलत इंजैक्शन लगा दिया। इससे बच्चे के हाथ में इंफैक्शन फैल गया।

अब दूधमुंहे बच्चे का हाथ काटने की नौबत आ गई है। इस बारे में पसीना खुर्द निवासी पिता सोनू ने बताया कि उसकी पत्नी व उसका यह पहला बच्चा है। उन्होंने बताया कि 11 माह पहले सिविल अस्पताल में डिलीवरी करवाई गई थी। उस समय बच्चा ठीक था। बच्चे को 29 नवम्बर को बुखार आया तो उसे दिखाने के लिए हैदराबादी अस्पताल में लेकर आए। वहां पर डाक्टरों ने बोला कि बच्चे को एडमिट करना पड़ेगा तो उन्होंने बच्चे को एडमिट करवा दिया। ट्रीटमैंट दौरान बच्चे को दिन में कई-कई नीडल लगाई गई और ग्लूकोज लगाई गई। इसके बाद 4 दिसम्बर को बच्चे को घर जाने के लिए बोल दिया और साथ ही बच्चे के बाएं हाथ को पट्टियों से बांध कर दिया था और कहा था कि एक बाद उसे खोल देना।


डाक्टरों के कहे अनुसार उन्होंने एक बाद यानी 5 दिसम्बर को बच्चे के हाथ पर बंधी पट्टी को खोला तो उन्हें बच्चे का हाथ काला मिला। जिसे लेकर वे तुरंत एक अन्य निजी अस्पताल में गए तो उन्होंने बताया कि इसे रोहतक पी.जी.आई. ले जाए। वे बच्चे को लेकर रोहतक पी.जी.आई. गए तो डाक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्चे के हाथ में गलत इंजैक्शन लगाया गया है। जिससे इसकी हाथ की नस ब्लॉक हो गई है। इस कारण से बच्चे का हाथ काटना पड़ेगा। वहीं, डाक्टरों ने कहा कि जहां से पहले बच्चे का इलाज हुआ है आप इसे वहीं ले जाएं। जब वे हैदराबादी अस्पताल में आकर डाक्टरों को दिखाया और कहा कि गलत इंजैक्शन से ऐसा हुआ है तो डाक्टरों ने अपनी गलती मानने से इन्कार कर दिया और अस्पताल से चले जाने के लिए कहा।

डाक्टर ने खुद नहीं लगाया इंजैक्शन परिजनों का आरोप लगाया कि डाक्टर ने खुद इंजैक्शन न लगाकर अस्पताल में कार्य करने वाले एक कम्पाऊंडर से बच्चे के हाथ में इंजैक्शन लगवाए थे, जिस कारण ही ऐसा हुआ है और अस्पताल के डाक्टरों को पहले से पता था कि बच्चे का हाथ में दिक्कत है। लेकिन समय रहते हुए उसका इलाज नहीं किया। जिससे बच्चे का हाथ काटना पड़ रहा है। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में जब वे आए तो हंमागा किया तो अन्य डाक्टरों ने महिला डाक्टर को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। डाक्टर बोले-इलाज के देंगे पैसे हैदराबादी अस्पताल के सीनियर डा. अशोक ने बताया कि उनकी वजह से ऐसा नहीं हुआ है। बच्चे को पहले से ही सिप्टिसिमिया बीमारी से ग्रस्त था। जिस समय वह अस्पताल के पास आए तो बच्चे को 104 बुखार था और दोरे भी पड़ रहे थे और जब बच्चा को घर भेजा गया तो यह सब ठीक हो गया था। लेकिन सिप्टिसिमिया बीमारी में बच्चे के हाथ की नस में खून का धब्बा सा जम गया है। जिससे खून का बहाव नहीं हाथ में जा रहा है। जिस कारण हाथ काला पड़ गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन इस बच्चे का पूरा खर्च उठाएगा।

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