हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कड़े तेवर, रजनी गुप्ता के खिलाफ पुलिस से मांगी रिपोर्ट

Edited By Updated: 28 Sep, 2016 01:50 PM

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हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस जे.एस. भल्ला व सदस्य सेवानिवृत्त आई.ए.एस. जे.एस. अहलावत ने पानीपत की प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता के पद का दुरुपयोग कर पानीपत में एक व्यक्ति के खिलाफ झूठा मामला...

चंडीगढ़: हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस जे.एस. भल्ला व सदस्य सेवानिवृत्त आई.ए.एस. जे.एस. अहलावत ने पानीपत की प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता के पद का दुरुपयोग कर पानीपत में एक व्यक्ति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवाने के मामले में हरियाणा मानवाअधिकार के डी.जी.पी. से इस मामले में पानीपत पुलिस द्वारा जांच में झूठा साबित होने के बाद अभी तक पानीपत पुलिस ने रजनी गुप्ता के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 182 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसकी रिपोर्ट पानीपत के एस.पी. से तलब करने के आदेश दिए हैं। 

उल्लेखनीय है कि पानीपत की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने 14 मई को पानीपत कोर्ट के अंदर के एक मामले की मनगढ़ंत कहानी बनाकर 21 मई 2015  को पुलिस को एक बोगस शिकायत देकर अपने प्रभाव का दुरुपयोग करके एक व्यक्ति पर झूठा मामला 24 मई 2015 को दर्ज करवा दिया था। पानीपत पुलिस ने सी.सी.टी.वी. फुटेज, कॉल डिटेल निकाल यह मामला झूठा पाया।

शिकायतकत्र्ता ने इस आधार पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग को शिकायत दे रखी है। इस पर मंगलवार सुनवाई थी, रजनी गुप्ता के हाजिर न होने पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस जे एस भल्ला व सदस्य सेवानिवृत्ति आई.ए.एस. जे.एस. अहलावत ने कड़ी नाराजगी जताई। शिकायतकत्र्ता ने कहा कि प्रोटेक्शन ऑफिसर होते हुए महिलाओं के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग करने पर रजनी गुप्ता का दर्ज मामला झूठा प्रमाणित पानीपत पुलिस के समक्ष हो चुका है। 14 जनवरी 2015 की घटना प्रोटेक्शन अधिकारी होते 21 मई 2015 को पुलिस को काल्पनिक कहानी बनाकर प्रस्तुत की। 

शिकायतकत्र्ता का आरोप है कि प्रोटेक्शन अधिकारी का झूठ प्रमाणित इसलिए भी हुआ कि उसने 14 मई की तिथि की काल्पनिक कहानी बनाई। 14 मई को ही 100 नंबर व 1091 जैसे नंबरों पर संपर्क तक नहीं किया। 7 दिन बाद झूठी शिकायत कर अपने पद का दुरुपयोग किया व पुलिस को गुमराह कर झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करवाई। आखिर सच्चाई की जीत हुई व रजनी की दर्ज कार्रवाई झूठी एफ.आई.आर. पुलिस ने कैंसल कर दी। प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात रजनी गुप्ता ने पद के दुरुपयोग व अनियमिततायों के चलते महिला व बाल कल्याण विभाग पहले ही हटा चुका है व इसने गलत तथ्यों के आधार पर स्टे लिया है। अदालत ने स्टे देते हुए सरकार ने नई नियुक्तियां होने तक इन लोगों को इस पद के ऊपर कार्यरत रखने के निर्देश दिए थे।

रजनी गुप्ता पंचकूला पुलिस ने फर्जीवाड़ों व जालसाजी के 2 मामलों में नामजद है। अपने पिता राजकुमार गुप्ता की मौत के बाद फर्जी विल तैयार करने के मामले में मधुबन एफ.एस.एल. से प्रमाणित फर्जी मामले में रजनी गुप्ता को हाईकोर्ट से जमानत मिली है। दूसरा मामला प्रोटेक्शन ऑफिसर रहते एक साथ तीन संस्थानों से आय जुटाने का दर्ज है।

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