Edited By kamal, Updated: 21 Apr, 2019 12:30 PM
गेहूं के तोल में गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर मार्किट कमेटी के चेयरमैन हरपाल सिंह गाहल्याण, वाइस चेयरमैन प्रवीण...
समालखा(वीरेंद्र): गेहूं के तोल में गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर मार्किट कमेटी के चेयरमैन हरपाल सिंह गाहल्याण, वाइस चेयरमैन प्रवीण गर्ग व मार्किट कमेटी के सचिव पवन सिंह ने गेहूं के हो रहे तोल के मौके पर ही छापेमारी की। जिसमें से करीब 3 जगहों पर सरकार के द्वारा निर्धारित किए तोल के आदेशों से ज्यादा गेहूं भरी पाई गई।चेयरमैन और सचिव ने आढ़तियों को चेतावनी दी कि भविष्य में अगर गेहूं के तोल में गड़बड़ी पाई गई, तो उन पर पैनल्टी डाली जाएगी।
चेयरमैन और सचिव के द्वारा मंडी में अचानक तोल से संबंधित की गई इस छापेमारी से आढ़तियों में हड़कम्प मच गया।बता दें कि गत 14 अप्रैल से नई अनाज मंडी में गेहूं की खरीद का कार्य चल रहा है। यहां पर खाद्य एवं आपूॢत विभाग, वेयर हाऊसिंग और हैफेड विभाग तीनों सरकारी खरीद एजैंसियां गेहूं की खरीद कर रही हैं। मार्कीट कमेटी के चेयरमैन हरपाल सिंह गाहल्याण, वाईस चेयरमैन प्रवीण गर्ग और सचिव पवन सिंह को पता लगा कि नई अनाजमंडी में कई जगहों पर गेहूं के तोल में गड़बड़ी की जा रही है।
किसानों की गेहूं की फसल को सरकार के द्वारा निर्धारित किए गए वजन से कहीं ऊपर तोला जा रहा है, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है। इस आशंका को लेकर चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सचिव ने अपने अन्य कर्मचारियों को साथ लेकर नई अनाज मंडी के करीब आधा दर्जन से भी ज्यादा दुकानों पर जाकर तोल को चैक किया। उन्होंने उन गेहूं की बोरियों को भी चैक किया, जो पहले से तोलकर उनकी सिलाई भी कर दी गई थी।
यहां पर उन्होंने पहले खाली तोल करने वाले वाले कांटे का शून्य देखा। तत्पश्चात खाली बोरी का वजन चैक किया। उसके बाद उन बोरियों को भी चैक किया, जिनमें गेहूं भर दिया गया था। इसमें कई दुकानों पर 51 किलो 600 ग्राम तोल निकला, कहीं पर 51 किलो 200 ग्राम, तो कहीं पर 51 किलो का तोल पाया गया। कुल मिलाकर एकाध जगह को छोड़कर कई जगहों पर तोल में गड़बड़ी पाई गई।बताने योग्य है कि हरियाणा सरकार की ओर से 50 किलो की बोरी में 50 किलो और 580 ग्राम वजन होना, क्योंकि 50 किलो तो गेहूं का वजन और 580 ग्राम बोरी का वजन होना चाहिए, जबकि यहां पर 50 किलो 600 ग्राम से कहीं ज्यादा वजन तोल कर बोरियों में भर दिया गया।
इस मौके पर चेयरमैन हरपाल सिंह ने उन आढ़तियों से पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि गेहूं में पहले से ही माऊसचर होती है। अगर वह थोड़ा वजन ज्यादा नहीं लेंगे तो गेहूं बिकने के बाद कुछ दिनों में गेहूं का गीलापन दूर हो जाता है, जिससे गेहूं का तोला हुआ वजन कम हो जाता है, इसलिए वह पहले से ही तोल में हल्का-सा फर्क इसलिए करते हैं ताकि बाद में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस दौरान हरपाल सिंह ने जहां-जहां पर तोल में गड़बड़ी पाई, उन आढ़तियों को चेतावनी दी कि भविष्य में भी वह समय-समय पर गेहूं के तोल का निरीक्षण करने के लिए आएंगे और अबकी बार तो उन्हें पहली बार गलती करने पर छोड़ दिया गया है मगर भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी पाई गई तो उन आढ़तियों के ऊपर पैनल्टी लगाई जाएगी। मौके पर हरपाल सिंह ने पहले से तो ली ई गेहूं की बोरियों को दोबारा से खुलवाकर सही तोल करवाने के लिए आदेश भी दिए।