मां के दूध को तरस रही है मुस्कान

Edited By Updated: 15 Nov, 2015 09:18 PM

breast milk is the yearning smile

शहर में आज भी दो बेटियां मां के आंचल का इंतजार कर रही हैं। एक सिविल अस्पताल में तो दूसरी जाटल रोड़ स्थित

पानीपत, (मनोज ): शहर में आज भी दो बेटियां मां के आंचल का इंतजार कर रही हैं। एक सिविल अस्पताल में तो दूसरी जाटल रोड़ स्थित बाल अनाथालय में है। अक्तूबर में आठ माह की बच्ची को शहर के जाटल रोड स्थित वाल्मिकी बस्ती के खाली पड़े एक प्लाट में पॉलीथीन में डालकर फेंका दिया गया था। 
इस नवजात का स्थानीय लोगों को तब पता लगा जब खाली पड़े प्लाट में खेल रहे छोटे बच्चों को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। कुछ देर बच्ची की देखभाल करने के बाद किशन पुरा पुलिस चौकी में इसकी शिकायत दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची का सिविल अस्पताल में पहुंचाया। जहां बच्ची को सिविल अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रखा गया था उस समय बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही थी जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची को एसएनसीयू में दाखिल कर दिया गया था बच्ची बिना मां के दूध के ही अस्पताल के एन.एस.सी.यू. वार्ड में भर्ती है। जहां अब मुस्कान के स्वास्थ्य में पहले की बजाए सुधार है। अब उसका वजन पहले से बढक़र एक किलो 330 ग्राम हो गया है। अस्पताल की नर्सों ने बच्ची को मां से बढक़र प्यार देते हुए स्टाफ नर्स रजनी, रीना, सुमन, आदि ने बच्ची को मां का प्यार दिया। नर्से हर रोज घर से बच्ची के लिए कपड़े धोकर लाती है। घर से बच्ची के लिए सीसी में दूध,पाऊडर आदि जो भी बच्ची के पालन पोषण में जरूरी है नर्सेंं घर से लाकर देखभाल करती है। ए

सएसएनयू में भर्ती नन्हीं बच्ची का नर्सों ने इकट्ठा होकर नामकरण किया और नन्ही सी जान नर्सो के लिए बन गई अब मुस्कान बन गई है। नर्सों का कहना है मुस्कान को पूरे स्टॉफ की ओर से अपने बच्चों की तरह प्यार दिया जा रहा है, लेकिन मुस्कान को मां का दूध नहीं प्राप्त हो रहा जोकि छोटी उम्र में बच्चों के लिए आवश्यक होता है। 
आखिर कब बदल पाएगी लोगों की सोच 
 नर्सों का कहना है कि सरकार के द्वारा बेटे की चाहत वाले लोगों की सोच बदलने के लिए भले ही  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत कर लाखों करोड़ों खर्च कर दिए, लेकिन आज तक भी कलयूग माता पिताओं की सोच नहीं बदल पाई। लेकिन पुरानी सोच रखने वाले लोग आज भी घरों बेटिया नहीं देखना चाहते। इस नन्हीं सी जान का क्या कसूर था कि आज यह बिना मां बाप के अस्पताल में अपनी मां के आंचल का इंतजार कर रही है। 
 
चम्मच से दूध पीती है मुस्कान 
सिविल अस्पताल के एसएसएनयू वार्ड में भर्ती मां के आंचल का इंतजार कर रही नन्हीं मुस्कान को मां के सामन प्यार देने वाली नर्सें दिन में कई बार चम्मच से दूध पिलाती हैं। मुस्कान के लिए एसएसएनयू की सभी स्टॉफ अपने बच्चों के सामान प्यार देर रही है। मुस्कान को सर्दी से बचाने के लिए स्टॉप नर्स कपड़े भी खरीदकर लाती हैं।
स्वास्थ्य में सुधार
इस संबंध में सिविल अस्पताल सुपरीटेंडेट एस.के गुप्ता ने बताया की नर्से के द्वारा मुस्कान को पूरी तरह से प्यार दिया जा रहा है। मुस्कान के स्वास्थ्य में अब सुधार है।

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