छत्रपति हत्याकांड: हत्यारे राम रहीम को मिली उम्रकैद, आखिरी सांस जेल में ही लेगा! (VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 17 Jan, 2019 07:38 PM

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने मामले के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। छत्रपति हत्याकांड देश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें फैसला और सजा आरोपियों को वीसी(वीडियो कांन्फ्रेंसिंग) के...

पंचकूला(धरणी/उमंग): पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने मामले के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। छत्रपति हत्याकांड देश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें फैसला और सजा आरोपियों को वीसी(वीडियो कांन्फ्रेंसिंग) के जरिए सुनाई गई। राम रहीम पर यह सजा साध्वी यौन शोषण मामले में मिली सजा के बाद शुरू की होगी, तब तक राम रहीम सत्तर वर्ष की उम्र पार कर चुका होगा।

कोर्ट के फैसले के मुताबिक, राम रहीम जेल में आजीवन कारावास यानि मरते दम तक जेल में रहना होगा। सीबीआई के वकील ने बताया कि गुरमीत सिंह व कृष्ण लाल, कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह को हत्या व हत्या की साजिश के जुर्म में उम्रकैद की सजा और 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है, अगर जुर्माना नहीं भरा तो दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीं निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट के तहत 3 साल की सजा भी सुनाई है, जो उम्रकैद की सजा के साथ ही चलेगी। साथ ही कृष्ण लाल और निर्मल सिंह को 5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

सीबीआई वकील ने बताया कि जज द्वारा सजा सुनाए जाने के दौरान राम रहीम के चेहरे पर न तो मायूसी दिखी और न ही चिंता की लकीरें नजर आई, वह कठोर बन कर सजा सुनता रहा। वहीं जज ने राम रहीम से अपने पक्ष के बारे बोलने के लिए कहा, जिस पर राम रहीम ने कहा कि मेरे बारे में मेरे वकील ही बोलेंगे। बता दें कि इस मामले में सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह की बेंच ने बीती 11 जनवरी को राम रहीम सहित तीन अन्य आरोपियों किशनलाल, निर्मल व कुलदीप को दोषी करार दिया था, जिनकी सजा का ऐलान आज हुआ है।

यह मामला 16 साल पुराना है, 2002 के मई महीने में जब पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार 'पूरा सच' में राम रहीम पर साध्वियों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों वाला गुमनान पत्र छापा था, जिससे डेरा प्रमुख राम रहीम और डेरा सच्चा सौदा की बदनामी होने लगी। डेरे की बदनामी होने के कारण पत्रकार रामचंद्र को धमिकयां मिलनी शुरू हो गई, जिसके कुछ महीनों बाद ही 24 अक्टूबर 2002 को डेरे के लोगों ने रामचंद्र को उसके घर के बाहर बुलाकर उनपर गोलियां चलाई। इस हमले में रामचंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए, हालांकि मौके पर ही हमलावरों को पुलिस ने पकड़ लिया, जिनसे पूछताछ करने पर सामने आया कि हमलावर डेरे से जुड़े हुए थे।

PunjabKesari

वहीं रामचंद्र की मौत 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हो गई, जिसके बाद उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने मामले में सीबीआई जांच की मांग के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की। नवंबर 2003 में हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की गई, एफआईआर में गुरमीत राम रहीम के साथ डेरा प्रेमी किशनलाल, निर्मल व कुलदीप आरोपी बनाए गए, जिनपर हत्या की साजिश रचने व हत्या का आरोप लगा।

PunjabKesari, ram rahim

दिसंबर 2003 में इस केस की जांच शुरू हुई, हालांकि 2004 में डेरा सच्चा सौदा ने यह जांच रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा की याचिका खारिज कर दी और कहा कि जाँच तो सीबीआई ही करेगी। जिसके बाद से लगातार अब तक तक मामले में हुई सैकड़ों पेशी भुगतने के बाद 11 जनवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसके बाद अब पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है।

PunjabKesari

गौरतलब है रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड राम रहीम के जिन कारनामों को उजागर करने पर घटित हुआ, उसी कारनामों के मामले में राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। वो मामला डेरा सच्चा सौदा की शरण में साध्वियों के रूप में आई युवतियों के यौन शोषण का है, जो वर्ष 2002 में एक पत्र सामने आया था, जिसमें साध्वियों ने अपने साथ हो रहे अत्याचार का खुलासा करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी। पत्र की एक प्रति रामचंद्र ने अपने अखबार में छाप दी थी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!