9 महीने से नहीं मिली तनख्वाह, बैठने को ऑफिस तक भी नहीं

Edited By Isha, Updated: 24 May, 2019 11:24 AM

not paid for 9 months not even sitting

पब्लिक हैल्थ से नगर निगम में डैपुटेशन पर आए अधिकारी व कर्मचारी परेशानियों से जूझ रहे हैं। सहूलियत घटी और दबाव बढ़ा तो 8 महीने बाद कर्मचारियों का दर्द आखिर छलक उठा। इनकी मानें तो 9 महीने

करनाल (मनोज): पब्लिक हैल्थ से नगर निगम में डैपुटेशन पर आए अधिकारी व कर्मचारी परेशानियों से जूझ रहे हैं। सहूलियत घटी और दबाव बढ़ा तो 8 महीने बाद कर्मचारियों का दर्द आखिर छलक उठा। इनकी मानें तो 9 महीने से इन्हें तनख्वाह नहीं मिली। निगम ने बैठने तक के लिए ऑफिस तक नहीं दिया। इसलिए भटक रहे हैं। कभी किसी कमरे में तो कभी किसी के दफ्तर में। जहां कुर्सी मिले बैठ जाते हैं। फिलहाल 17 नंबर कमरे की चंद कुॢसयों पर ही डेरा जमाए हुए हैं। एक्स.ई.एन तक को रैंक के हिसाब से दफ्तर नसीब नहीं हुआ। बाकी स्टाफ का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। बेकद्री देख 4 जे.ई. अपना तबादला कराकर यहां से निकल गए। 16 सितम्बर 2018 को एक एक्स.ई.एन., 2 एस.डी.ओ., 6 जे.ई और 146 आर.एम.ई. सहित कुल 155 का स्टाफ निगम में आया था। पब्लिक हैल्थ से एक साल के लिए इन्हें डैपुटेशन पर भेजा गया है।  
दुकानदार व ठेकेदार मांग रहे पैसे, कहां से देें 
नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि दुकानदार व ठेकेदारों को पमैंट नहीं मिल रही है। उन पर लगातार प्रैशर बढ़ रहा है। 134 ट्यूबवैल से शहर में पानी की सप्लाई होती है। इन्हें दुरुस्त रखने के लिए ठेका दिया गया है। 16 सितंबर से अब तक 18 लाख की पेमैंट अटकी है। ठेकेदार उनसे पैसे मांग रहा है। बिजली व्यवस्था ठीक रखने का टैंडर अलग से दिया गया है। इसकी पेमैंट भी बाकी है। 20 लाख की पेमैंट इस टैंडर से पहले मार्कीट से खरीदे सामान की अटकी है।  
दिक्कत तो जनता को भी 
सी.एम. सिटी निवासी रविंद्र, संतोष व शकुंतला ने बताया कि पब्लिक हैल्थ ने अलग से टोल फ्री नंबर जारी कर रखा था। इस पर पाइप लाइन में लीकेज की शिकायत के बाद सात दिन मे समस्या का हल हो जाता था। निगम में ऐसे कोई व्यवस्था नहीं है। पहले ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते थे। अब नहीं।  
आमदनी पर भी ध्यान नहीं, 
10 करोड़ के बिल पैंङ्क्षडग
डैपुटेशन पर आए कर्मचारियों ने बताया कि निगम में उन्हें क्लर्क तक नहीं दिए गए हैं। इसलिए लैटर वगैरह खुद ही टाइप करने पड़ते हैं। आमदनी बढ़ाने पर भी निगम ध्यान नहीं दे रहा। पानी के करीब 10 करोड़ के बिल शहरी एरिया में आज भी पैंङ्क्षडग हैं। निगम की साइट में नए बिल तैयार करने का विकल्प नहीं है। इसलिए अभी तक नए बिल भी नहीं भेजे गए। साइट नहीं खुल रही इसलिए नया कनैक्शन भी दे नहीं सकते। इससे भी रैवेन्यू का लॉस हो रहा है। 

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