Edited By Updated: 10 Oct, 2016 11:00 AM
गांव रिटौली में एक सप्ताह पहले मिले संदिग्धों में से दूसरे संदिग्ध की भी पहचान हो गई है। मानसिक बीमारी से पीड़ित पिछले 4 साल
जींद: गांव रिटौली में एक सप्ताह पहले मिले संदिग्धों में से दूसरे संदिग्ध की भी पहचान हो गई है। मानसिक बीमारी से पीड़ित पिछले 4 साल से गायब था और वह मथुरा उत्तरप्रदेश के एक गांव का रहने वाला है। संदिग्ध की पहचान होने पर पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। सोमवार को संदिग्ध के परिजन उसे लेने के लिए जींद पहुंच रहे हैं। दोनों संदिग्धों की पहचान में अहम योगदान सी.आई.डी. का रहा है। जिनके प्रयास से बिछड़े हुए दोनों संदिग्ध अपने परिजनों तक पहुंच पाए हैं।
दरअसल गत 2 अक्तूबर रात को गांव रिटौली में ग्रामीणों ने 2 संदिग्ध लोगों को पकड़ा था। जिनमें एक युवा तथा जबकि दूसरा बुजुर्ग था। 4 अक्तूबर को बुजुर्ग की पहचान गांव चम्मू कलां थाना इस्माईलाबाद कुरूक्षेत्र निवासी कश्मीर सिंह के रूप में हुई थी। जबकि युवा की पहचान संभव नहीं हो पा रही थी।
खुफिया विंगों ने युवा को खंगाला, साथ ही उसकी मानसिक दशा की रोहतक मैडीकल कॉलेज से जांच भी करवाई। पुलिस अपने स्तर पर पहचान की कोशिश कर रही थी तो सी.आई.डी. अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही थी। रविवार को सी.आई.डी. के अधिकारियों ने संदिग्ध के ठोर ठिकाने को ढूंढ निकाला। संदिग्ध की पहचान गांव पेचावर देहान मोहल्ला जिला मथुरा निवासी सुरेश वर्मा के बेटे दीपक वर्मा के रूप में हुई। दीपक मानसिक रूप से बीमार है और वह मथुरा में अपने मामा विशू के पास दुकान पर कार्य करता था। पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी बलवान सिंह ने बताया कि दूसरे संदिग्ध की भी पहचान हो गई है। परिजनों से संपर्क साधा गया है। सोमवार तक परिजनों के पहुंचने की संभावना है।