नशा मुक्ति केंद्रों में दी जा रही अमानवीय यातनाएं

Edited By Updated: 26 Nov, 2015 01:48 PM

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पंजाब केसरी ने 21 नवम्बर के अपने अंक में यह समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि नशा मुक्ति केंद्रों में कुछ ऐसे हैं जहां नशे की लत के आदी हो चुके लोगों को नशे की दुनिया से बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ साइकेट्रिस्ट से लेकर प्रशिक्षित स्टाफ नर्स...

जींद: पंजाब केसरी ने 21 नवम्बर के अपने अंक में यह समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि नशा मुक्ति केंद्रों में कुछ ऐसे हैं जहां नशे की लत के आदी हो चुके लोगों को नशे की दुनिया से बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ साइकेट्रिस्ट से लेकर प्रशिक्षित स्टाफ नर्स आदि का सरासर अभाव है। नशा मुक्ति केंद्र में काऊंसिलर से लेकर वार्ड बॉय तक सबकी नियुक्ति होनी चाहिए। लेकिन यहां इन नियमों का पालन भी कुछ नशा मुक्ति केंद्रों द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्र में नशेड़ी को कैद करके नहीं रखा जा सकता। नशेडिय़ों को नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल भी खुद नशेड़ी की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता। इस तरह के नियमों को कई नशा मुक्ति केंद्र ताक पर रखकर काम कर रहे हैं।

हत्यारोपियों ने लगाई पंजाब केसरी की इस खबर पर मोहर

रोहतक बाईपास रोड पर स्थित नया जीवन नशा मुक्ति केंद्र के 2 केयर टेकरों की हत्या के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 2 हत्यारोपियों पानीपत जिले के इसराना गांव के प्रदीप और जींद की अर्बन एस्टेट कालोनी के आनंद ने अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में यह बताया है कि उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र के केयर टेकरों प्रवेश और अमित की हत्या इसलिए की क्योंकि वह दोनों उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में अमानवीय यातनाएं देते थे। इन दोनों ने बताया कि उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में इस तरह की यातनाएं दी जाती थीं कि बताते हुए भी उन्हें शर्म आती है। इसी कारण वह नशा मुक्ति केंद्र के केयर टेकरों की हत्या करने पर मजबूर हुए।
 
नशा मुक्ति केंद्रों में यातनाओं के लिए वसूली जा रही मोटी रकम

अपने जिन परिजनों को नशे की दुनिया से बाहर निकालने की उम्मीद में उनके अभिभावक उन्हें ऐसे नशा मुक्ति केंद्रों में दाखिल करवाते हैं, उन्हें इस बात का पता नहीं कि इन नशा मुक्ति केंद्रों में नशे का उपचार नहीं होता बल्कि उपचार के नाम पर नशेडिय़ों को ऐसी-ऐसी अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं कि जानवर भी उन्हें नहीं झेल पाते। नशेडिय़ों को 3-3 दिन तक पैरों पर खड़े रखा जाता है। इसमें उनके पैरों में खून उतर आता है।

परिजन नशेडिय़ों को इन नशा मुक्ति केंद्रों में नशे के उपचार के लिए दाखिल करवाते हैं और इसके लिए नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को हर महीने 10,000 रुपए की मोटी रकम अदा करते हैं। उन्हें इस बात का पता नहीं कि वह अपने जिन परिजनों के उपचार के लिए इतनी मोटी रकम हर महीने नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को दे रहे हैं, उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं।

अढ़ाई साल पहले भी उजागर हुआ था नशा मुक्ति केंद्र में अमानवीय यातनाओं का मामला

यह पहला मौका नहीं है जब जींद में नशा मुक्ति केंद्रों में दाखिल नशेडिय़ों को नशे के उपचार के नाम पर अमानवीय यातनाएं दिए जाने का खुलासा हुआ है। दरअसल अढ़ाई साल पहले जींद के तत्कालीन डी.सी. एम.एल. कौशिक ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों को जींद में चल रहे तमाम अवैध नशा मुक्ति केंद्रों को बंद करवाने और इनमें दाखिल लोगों को जींद के सामान्य अस्पताल या रेडक्रॉस सोसाइटी के नशा मुक्ति केंद्र पहुंचाने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों पर अमल करते हुए भारी पुलिस बल के साथ जींद के सामान्य अस्पताल के डा. कुलदीप राणा और डा. अरविंद की अगुवाई में एक टीम ने सबसे पहले सफीदों रोड पर गोल्डन हट रिजॉर्ट के सामने चल रहे जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र पर रेड की थी। इस नशा मुक्ति केंद्र के पास किसी तरह का लाइसैंस या रजिस्ट्रेशन नहीं था। यहां एक छोटी-सी दुकान में पूरे 40 लोगों को नशे की लत से मुक्ति दिलवाने के नाम पर सामान की तरह ठूंस-ठूंसकर भरा गया था।

पुलिस की मदद से स्वास्थ्य विभाग के अमले ने इन 40 लोगों को यहां से बाहर निकाला और पुलिस सुरक्षा में इन्हें अर्बन एस्टेट कालोनी में चल रहे रैडक्रॉस सोसायटी के नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाने का काम किया था। इस नशा मुक्ति केंद्र से मुक्त करवाए गए नशेडिय़ों ने बताया था कि उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में उपचार के नाम पर अमानवीय यातनाएं दी जाती थीं। बिना किसी कसूर के भी उन्हें अमानवीय यातनाओं के दौर से गुजरना पड़ता था। कान में अंगुली देना भी सजा का कारण बन जाता था। मैली पैंट पहनने पर भी सजा मिलती थी।

4 और नशा मुक्ति केंद्रों को किया गया था सील

जींद प्रशासन ने अढ़ाई साल पहले अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सफीदों रेाड के जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र के साथ-साथ 4 अन्य ऐसे नशा मुक्ति केंद्रोंं को सील किया था, जिनके पास किसी तरह का लाइसैंस और रजिस्टे्रशन नहीं था। इनमें कैथल रोड स्थित नई किरण नशा मुक्ति केंद्र, काठमंडी का जीवनदीप नशा मुक्ति केंद्र, भिवानी रोड का नव जीवन नशा मुक्ति केंद्र, रोहतक रोड का नया जीवन नशा मुक्ति केंद्र शामिल थे।

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