भाजपा में कब हटेगी धारा 370, पूछ रहे हैं कार्यकर्ता

Edited By Isha, Updated: 22 Sep, 2019 10:21 AM

when will article 370 be removed in bjp workers are asking

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया निर्णायक मोड़ पर रख दी है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता संगठन के नेताओं से सवाल कर रहे हैं कि सरकार ने

डेस्कः हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया निर्णायक मोड़ पर रख दी है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता संगठन के नेताओं से सवाल कर रहे हैं कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटा दी परंतु पार्टी में कुछ नेताओं को हर बार चुनाव लडऩे का जो विशेष दर्जा प्राप्त है ,उसे पार्टी कब समाप्त करेगी। भाजपा के अंदर जो धारा 370 लगी हुई है जिसके अंतर्गत कुछ विशिष्ट नेताओं को हर बार चुनाव लडऩे का अधिकार चला आ रहा है उसे समाप्त कराने के लिए कार्यकर्ता अब पार्टी संगठन में जूझ रहे हैं। नए चेहरों को मैदान में उतारने की मुहिम कितनी सिरे चढ़ेगी, यह तो पार्टी के रणनीतिकार जानते हैं परंतु पार्टी कार्यकर्ता का एक वर्ग चाहता है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप मंच पर बैठने वाले नेता नीचे आ जाएं और नीचे बैठने वाले कार्यकर्ता अब मंच की शोभा बढ़ाएं।

कितनों का कटेगा टिकट
पार्टी में यह जिज्ञासा का प्रश्न बना हुआ है कि वर्तमान विधायकों में से कितनों का टिकट कटेगा और कितने सांसद और वरिष्ठ नेता अपने परिजनों को टिकट दिलाने में कामयाब होंगे। उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने कार्यकर्ता का भी दबाव बना रहा है कि कि इस बार लहर में अपनों को टिकट नहीं दी गई तो कब दी जाएगी, ऐसे अनुकूल वातावरण में पार्टी समर्पित कार्यकर्ता को मैदान में उतारने का स्वर्णिम अवसर है। बदलाव के पक्षधर नेता यह दलील दे रहे हैं कि कि हर बार कुछ नेताओं के टिकट सुनिश्चित होते हैं ऐसे में उस क्षेत्र के दूसरी पंक्ति के नेता कभी अपने लिए संभावना नहीं देखते और अरुचि कर मनोभाव से संगठन का काम करते हैं, इस कड़ी में वे जींद उपचुनाव का उदाहरण देते हैं,  जहां पार्टी ने  दूसरे दल के कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाकर चमत्कारिक परिणाम पाने में सफलता प्राप्त की। उसके बाद भाजपा के पक्ष में लहर बनती चली गई।   

भाजपा की पुराने कार्यकर्ता तो पार्टी की रीति नीति से अवगत हैं कि टिकट लेने के लिए उन्हें क्या माध्यम अपनाना है और किस दरवाजे पर दस्तक देनी है परंतु दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को अभी पार्टी की रीति नीति की पूरी जानकारी नहीं है वे जहां भी मौका मिलता है अपना बायोडाटा थमा देते हैं। इतनी बात तो सबको मालूम है कि टिकटों के वितरण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है इसलिए आजकल सभी नेताओं की प्राथमिकता संघ के नेताओं के यहां हाजिरी लगाने की हो गई है। संकोची स्वभाव के संघ के कुछ अधिकारी तो स्पष्ट मना कर देते हैं कि उनका कोई दखल नहीं है जबकि कुछ को अपने यहां गणेश परिक्रमा करने वालों की हाजिरी अच्छी लगती है। दिल्ली के हरियाणा भवन में संघ के एक प्रचारक को एक  टिकटार्थी ने घेर लिया, परंतु भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी ने यह कहकर प्रचारक जी का पिंड छुड़ाया की जो बात आपको इन्हें कहनी है वह बात मैं समझ गया हूं और मैं पार्टी नेतृत्व तक आपका पक्ष प्रभावी ढंग से रख दूंगा, तब कहीं जाकर प्रचारक जी अपनी गाड़ी में बैठ सकें।

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