Edited By Shivam, Updated: 19 May, 2018 08:14 PM
लड़कियां किसी क्षेत्र में कम नहीं है। लड़कियां बोझ नहीं, बल्कि वरदान सिद्ध हो रही हैं। गांव पिरथला की सरपंच लक्ष्मी रानी के घर पहली संतान के रूप में लड़की पैदा होने पर परिवार ने जबरदस्त खुशियां मनाई और सभी सामाजिक रस्म...
टोहाना(सुशील सिंगला): लड़कियां किसी क्षेत्र में कम नहीं है। लड़कियां बोझ नहीं, बल्कि वरदान सिद्ध हो रही हैं। गांव पिरथला की सरपंच लक्ष्मी रानी के घर पहली संतान के रूप में लड़की पैदा होने पर परिवार ने जबरदस्त खुशियां मनाई और सभी सामाजिक रस्म एवं रिवाजें पूरी की। इसी क्रम में लड़के के जन्म पर होने वाली ‘कुआं-पूजन’ की रस्म भी बड़े हर्षोल्लास के साथ निभाई गई।
सरपंच के ससुर व अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार कौंसिल के प्रदेश महासचिव डॉ. दलबीर सिंह ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि ‘हर सामाजिक संस्कार पर लड़की का भी बराबर अधिकार है। इसलिए प्रत्येक माता-पिता का यह नैतिक फर्ज बनता है कि वे लड़की को किसी भी तरह के सामाजिक संस्कार से वंचित न रखें। परिवार द्वारा कन्या जन्म पर अपनाई गई नई परंपराओं के लिए समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने सराहना की है और नवजात कन्या को अपना आशीर्वाद एवं परिवार को अपनी हार्दिक बधाईयां दी हैं।