कर्मचारी की मनमर्जी से परेशान हो रहे ग्रामीण, खाता बंद कराने को मजबूर

Edited By Shivam, Updated: 10 Jan, 2021 10:49 PM

villagers are upset with will of employee forced to close the account

भले ही सरकार द्वारा ग्रामीण अंचल में ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लाख प्रयास किए जा रहे हों, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गए गांव दोहला में बनाए गए सर्व ग्रामीण बैंक में कार्यरत स्टाफ की मनमर्जी के चलते यहां के लोग उक्त बैंक से सरकारी योजनाओं...

सोहना (सतीश राघव): भले ही सरकार द्वारा ग्रामीण अंचल में ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लाख प्रयास किए जा रहे हों, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गए गांव दोहला में बनाए गए सर्व ग्रामीण बैंक में कार्यरत स्टाफ की मनमर्जी के चलते यहां के लोग उक्त बैंक से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की जगह उल्टा पहले से खुले अपने बैंक खातों को बंद कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार सरकार बैंकों को पूर्णतया डिजिटल करने की योजना अंतिम चरण में है। किसानों व ग्रामीणों के लिए चलाई जाने वाली योजना जैसे किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना जैसी विभिन्न प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा शुरु की गई है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग इनका लाभ उठा सकें। साथ ही ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों के खाते खोलकर बैंक से जोडऩे के लिए भी सरकार भरपूर कोशिश कर रही है। 

लेकिन राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गए गाव दोहला में बैंक कर्मियों की लापरवाही व उपभोक्ताओं के साथ किए जाने वाले गलत रवैये से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। वहीं उपभोक्ता इस सर्व ग्रामीण बैंक में पहले से खुले अपने अपने बैंक खातों को भी बंद कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि बैंक के उच्च अधिकारी ऐसे लापरवाह बैंक कर्मियों के खिलाफ किस तरह की कार्यवाही अमल में लाते हैं।

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क्या कहना है ग्रामीणों का?
दोहला गांव की निवासी प्रीति राघव ने जानकारी देते हुए बताया कि उसने सर्व ग्रामीण बैंक में अपना खाता तभी से खुलवाया हुआ था। लेकिन जब वह अपनी बेटी का खाता खुलवाने के लिए बैंक गई तो करीब एक माह तक बेटी का खाता नहीं खोला गया। जब खाता नहीं खुलने का कारण पूछा तो उक्त बैंक की शाखा प्रबंधक ने एक फार्म पर हस्ताक्षर करा कर उसका भी खाता बंद कर दिया। 

इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। बैंक प्रबधक द्वारा बहुत उपभोक्तओं के खाते खोलने की जगह बंद कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि ग्रामीणों को समय से बैंक सुविधाएं दिए जाने के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएँ खोली गई हैं। बैंक कर्मियों की लापरवाही के चलते उक्त बैंकों के खाताधारी उपभोक्ताओं को अपने खातों को बंद कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं। 

ग्रामीणों का आरोप है कि सर्व ग्रामीण बैंक में कार्यरत मैनेजर व अन्य कर्मचारी बैंक में समय से नहीं पहुंचते। बैंक मैनेजर सारा दिन अपने निजी मोबाइल फोन पर व्यस्त रहती हैं, जिसके चलते बैंक में आने वाले लोगों से महिला मैनेजर द्वारा उनसे अभद्र व्यवहार किया जाता है और खाता बंद करने की धमकी दी जाती हैं। बैंक कर्मियों की तानाशाही से परेशान कई लोगों ने अपने खाते बैंक से बंद करा लिए हैं। जिससे सरकार द्वारा ग्रामीण इलाके में खोले गए बैंकों का कोई फायदा नहीं हो रहा है। साथ ही बैंक अधिकारियों की लापरवाही के चलते बैंकों को भी भारी नुकसान हो रहा है।

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