Edited By Isha, Updated: 25 Jan, 2024 08:10 PM
स्वास्थय विभाग के शुद्धिकरण को लेकर एक ओर बड़ा कदम विभाग जल्द उठाने जा रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा लगातार कई बड़े फैसले हाल ही में विभाग के कायाकल्प को लेकर लिए जा चुके हैं। प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, हर...
चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): स्वास्थय विभाग के शुद्धिकरण को लेकर एक ओर बड़ा कदम विभाग जल्द उठाने जा रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा लगातार कई बड़े फैसले हाल ही में विभाग के कायाकल्प को लेकर लिए जा चुके हैं। प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, हर महंगे-सस्ते टेस्ट की सुविधा विभाग की तरफ से अस्पताल में ही मौजूद हो, किसी भी दवा के लिए मरीज को बाहर किसी मेडिकल स्टोर पर जाने की जरूरत ना हो, ऐसी व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा कई बड़े फैसले लेकर जनता को रिलीफ़ देने का लगातार कार्य किया जाता रहा है। जिसका लाभ भी जनता को काफी हद तक मिलता नजर आने भी लगा है। लेकिन बावजूद इसके अस्पताल के चिकित्सको या अन्य कर्मचारियों के दुर्व्यवहार व अन्य प्रकार की शिकायतें जनता से अनिल विज तक पहुंच रही थी। कहीं कमीशन के चक्कर में बाहर से टेस्ट या दवाइयां लेने को मजबूर करने से सम्बंधित, कहीं किसी अन्य अस्पताल में रेफर करने से सम्बंधित, कहीं मरीज या उनके परिजनों से दुर्व्यवहार से सम्बंधित, तो कहीं पैसों के लेनदेन से झूठी एमएलआर काटने से सम्बंधित शिकायतें लगातार पहुंचने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस पर पूरी तरह से सख्त नजर आए हैं।
सरकारी डाक्टरोंं को बारम्बार हिदायत के बावजूद लापरवाहियां कम न होने पर राज्य सरकार ने लगभग 60 डाक्टरों को रडार पर ले लिया है। नदकी अनियमितताओं पर सख्ती करते हुए प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्यवाही की है। रोगियोंं व तीमारदारों से दुरव्यवहार करने,कमीशन के फेर में प्राईवेट लैब और अस्पतालोंं में रैफर करने,अस्पताल से बाहर की दवाईयां लिखने सहित विभिन्न मामलों में 60 डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की गई है।'
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सख्ती को पूरा हरियाणा जानता है। जब उनकी कलम चलती है तो छोटा-बड़ा नहीं देखती और इस मामले में भी सरकार की ऐसी ही सख्ती साफ दिखाई दी है। सरकार द्वारा आरोपी डाक्टरों की सूची पर कार्यवाही करते हुए महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को संबधित चिकित्सका अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए हैं। इन डाक्टरों में कई ऐसे हैं जिनके पति या पत्नी अस्पताल चला रहे हैं और सरकार अस्पतालों में नियुक्त चिकितसकों द्वारा मरीजों को वहां जाने के लिए मजबूर किया जाता है। आरोपितों ने उप सिविल सर्जन से लेकर सेवानिवृत सिविल सर्जनों के परिजन भी सम्मिलित हैं। एचसीएमएसए के अध्यक्ष -डा. राजेश ख्यालिया ने इस विषय में स्वास्थ्य महानिदेशक से बात की है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से डाक्टरों के खिलाफ कुछ शिकायतें मिली हैं। पत्र में प्रयुक्त भाषा को लेकर मैंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। सूची में लिखा है कि यह वे डा. हैं, जिन्होंने मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया है। हमारा कहना है कि किसी भी डाक्टर को दोषी बनाने से पहले प्रारंभिक जांच होनी चाहिए। बिना किसी जांच के केवल शिकायत के आधार पर डाक्टरों को दोषी करार दिया गया है। यह अनुचित है।
अनिल विज के आदेशों पर अब विभाग जल्द इस मामले में बड़ा एक्शन लेने की रूपरेखा तैयार कर चुका है। जिला अस्पतालों में इन अनियमितताओं को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। विभिन्न आरोपों को लेकर 60 डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। सरकार द्वारा आरोपित डाक्टरों की लिस्ट पर एक्शन लेते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सिविल सर्जनों को आरोपित चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आरोपित डाक्टरों में कई ऐसे भी हैं जिनके अपने परिवार के लोग कोई निजी अस्पताल चला रहे हैं और सिविल अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा मरीजों को वहां जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आरोपितों में डिप्टी सीएमओ से लेकर रिटायर्ड सिविल सर्जन के परिजन भी शामिल हैं।
मरीजों व उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार न करने वाले जिला अस्पताल के डाक्टर
- भिवानी -डा. धर्मेंद्र सिंह फिजीशियन
- दादरी -उप सिविल सर्जन डा. गौरव भारद्वाज और डा. बिजेंद्र डेंटल
- हिसार -डाक्टर रामअवतार शर्मा, फिजिशियन
- कैथल -डाक्टर आशीष मित्तल
- पंचकूला -गायनी वार्ड की डा. अनीता और डाक्टर संगीता
- सोनीपत -डाक्टर प्रदीप लाकड़ा, ईएनटी
कौन डॉक्टर कहाँ - कौन से निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर करते हैं
- अर्पिता गर्ग -अंबाला शहर -गर्ग अस्पताल, अंबाला शहर
- डा. शिवम कुमार -चरखी दादरी -आस्कर अस्पताल, जीके अस्पताल और सुविधा अस्पताल दादरी
- डा. मनोज कुमार - चरखी दादरी -आस्कर अस्पताल, जीके अस्पताल और जयहिंद अस्पताल दादरी।
- डा. नीति वधवा -स्त्री रोग विशेषज्ञ, फतेहाबाद -अपने पति डाक्टर चेतन वधवा के वधवा प्राइवेट अस्पताल में मरीजों को रेफर करती हैं
- डा. ओमप्रकाश -गुरुग्राम -स्पेस हास्पिटल
- डा. सरगम छाबडा -नेत्र रोग विशेषज्ञ, हिसार -आइक्यू अस्पताल
- डा. नीरू यादव -नेत्र रोग विशेषज्ञ, नारनौल -हायर सेंटर रेफर करके कृष्णा नेत्र अस्पताल में जाने की सलाह देती हैं
- डा. रेनू यादव -दंत रोग विशेषज्ञ, नारनौल -हायर सेंटर रेफर करके मरीज को नारनौल स्थित अपने पति के रोहतक डेंटल अस्पताल में जाने की सलाह देती हैं
- डा. सदीप सिंह यादव -जनरल सर्जन, महेंद्रगढ़ -हायर सेंटर रेफर करके लक्ष्मीनारायण प्राइवेट अस्पताल महेंद्रगढ़ व सीबीएम प्राइवेट अस्पताल नारनौल जाने की सलाह देते हैं
- डा. मोना नागपाल -इंचार्ज ड्रग एडिकशन सेंटर, नागरिक अस्पताल पानीपत -ब्रेन केयर सेंटर
- डा. नवीन सर्जन -पलवल -वासू अस्पताल व अराध्या अस्पताल
- डा. संदीप सोगी सर्जन -पलवल -एसकेआर अस्पताल, पलवल
पैसे के लेनदेन से गलत एमएलआर काटने वाले डा.
- जींद के सीएचसी अलेवा में तैनात डा. अरुण
- सीएचसी हथीन में तैनात डा. गजे सिंह एसएमओ
- सिविल अस्पताल पलवल में तैनात डा. महेंद्र सिंह दलाल और डा. संदीप सोनी
जिनके (पति या पत्नी) ने निजी अस्पताल खोल रखे है
- अर्पिता गर्ग -अंबाला शहर -पति पकज गर्ग -गर्ग अस्पताल, अंबाला शहर
- डा.राजीव बेनीवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ -दादरी -डा. शिल्पा बेनीवाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ -बेनीवाल अस्पताल, दादरी
- डाक्टर विकास गोयल -एनआइटी फरीदाबाद -बगैर नाम के खुद अस्पताल चला रहे हैं
- डा. कुलदीप नागर -यूपीएचसी, हरी विहार, बल्लबगढ़ - श्रीमति वत्स (पत्नी) -गीतांजली अस्पताल
- .डाक्टर नीति वधवा -स्त्री रोग विशेषज्, फतेहाबाद -डाक्टर चेतन वधवा (पति) -वधवा प्राइवेट अस्पताल
- डाक्टर सुनीता सोखी -स्त्री रोग विशेषज्, फतेहाबाद -डाक्टर राजेंद्र सोखी (पति) - राजेंद्रा अस्पताल
- .डाक्टर संगीता अबरोल - डिप्टी सीएमओ फतेहाबाद -डाक्टर अनिल अबरोल (पति) -अबरोल हड्डियों का अस्पताल
- डा. वरुण मुंजाल -शिशु रोग विशेषज्ञ, फतेहाबाद -डाक्टर अमित मुंजाल (भाई) -उम्मीद मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल
- डाक्टर सुमित धनखड़ -रेडियोलाजी विभाग, गुरुग्राम -निधी राठी धनखड़ -धराश डायग्नोस्टिक अल्ट्रासाउंड लैब टेस्ट
- डाक्टर भूमिका अरोड़ा -बाल रोग विशेषज्ञ, हिसार -डाक्टर मृदुल अरोड़ा -अरोड़ा अस्पताल
- डाक्टर सरगम छाबड़ा -नेत्र रोग विशेषज्ञ, हिसार -डाक्टर अक्षय लांबा -लांबा मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल
- डा. सीमा वशिष्ठ -शिशु रोग विशेषज्ञ, जींद -डा. अखिलेश वशिष्ठ -वशिष्ठ डेंटल क्लीनिक
- डा. रीटा कालड़ा -एसएमओ पंचकूला -पति डाक्टर संजय कालड़ा -डा. संजय कालड़ा मल्टी स्पेशिलिटी डेंटल क्लीनिक
- डा. रामेश्वरी -डिप्टी सीएमओ पलवल -डा. विरेंद्र -पलवल डेंटल क्लीनिक
- डा. आशिमा कालडा -पलवल -डा विशाल कालडा -कालड़ा डेंटल क्लीनिक
- डा. मोना नागपाल -इंचार्ज ड्रग एडिक्शन सेंटर, पानीपत -डा. गौरव भटेजा -ब्रेन केयर सेंटर
- डा. नवीन सुनेजा -डिप्टी सीएमओ, पानीपत -डा. नीरू सुनेजा -सुनेजा अस्पताल
- डा. कंचन यादव -नेत्र विशेषज्ञ, रेवाड़ी -डा. शिवरतन -शिव हार्ट क्लीनिक
- डा. चेष्टा यादव -दंत चिकित्सक, रेवाड़ी - डा. मनोज यादव -मनोज स्किन एंड लेजर सेंटर20.
- डा. अलकता गेरा -सोनीपत -डा. अरुण गेरा -पुष्पांजलि अल्ट्रासाउंड
- डा. सुशील मानकटालिया -सोनीपत -डा. अविनाश मानकटालिया ईएनटी -मानकटालिया अस्पताल
- डा. राजेश सिंघाल -सोनीपत -स्वयं राज मेडिकल स्टोर पर बैठते हैं
- डा. बुलबुल -यमुनानगर -डा. प्रदीप तहलान -डा. प्रदीप तहलान अल्ट्रासाउंड एक्सरे सिटी स्कैन सेंटर
- डा. निशा गोराया -पेथोलोजिस्ट, यमुनानगर -डा रविंद्र इन्दिरा -इन्दिरा अस्पताल
इन सिविल अस्पतालों में जिन अनियमितताओं की भरमार है
- सामान्य अस्पतालों नारायणगढ़, दादरी, जींद, असंध, नीलोखेड़ी, कलानौर, महम, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद और सोनीपत में अल्ट्रासांउड की सुविधा नहीं है।
- सामान्य अस्पतालों नारायणगढ़, दादरी, फतेहाबाद, सोहना, हिसार, झज्जर, बहादुरगढ़, जींद, कैथल, असंध, नीलोखेड़ी, कुरूक्षेत्र, नारनौल, मांडीखेड़ा नगीना, पलवल, पानीपत, समालखा, रेवाड़ी, रोहतक, कलानौर, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, सोनीपत व यमुनानगर में एमआरआइ की सुविधा नहीं है।
- सिविल अस्पताल दादरी में कुछ डाक्टर समय पर नहीं आते। यहां लैब टेक्निशियनों द्वारा मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए प्राइवेट लेबोरेटरी में भेजा जाता है जो हरियाणा सरकार से अप्रवूड भी नहीं हैं।
- सिविल अस्पताल सोनीपत में ईएनटी डा. प्रदीप लाकड़ा के अपनी सीट पर नहीं से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- सिविल अस्पताल सोहना में सुविधाओं की कमी के चलते डाक्टरों द्वारा मरीजों को गुरुग्राम के सिविल अस्तपाल में रैफर कर दिया जाता है। इस अस्प्ताल के सोहना से 25 किलोमीटर दूर होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है।
- सिविल अस्पताल हिसार में तैनात डा. रामअवतार शर्मा फिजीशियन तथा सिविल अस्पताल कैथल में तैनात डा. आशीष मित्तल का मरीजों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है।
- -सिविल अस्पताल पलवल में डाक्टर आपरेशन करने की एवज में पैसे लेते हैं
इन अस्पतालों में दवाइयों की कमी
सिविल अस्पताल फरीदाबाद में डाक्टरों द्वारा जो दवाइयां लिखी जाती हैं, उनमें से कुछ दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ती हैं । वेयरहाउस में दवाइयों की कमी होने का मुख्य कारण कम बजट का होना है। दवाइयों की कमी का एक कारण बार-बार एनओसी लेना भी है। एक बार की डिमांड के हिसाब से 45 दिन के लिए दवाइयां मिलती हैं। कई बार मरीज ज्यादा आने के कारण दवाइयां जल्दी खत्म हो जाती है। दोबारा दवाइयां लेने के लिए निदेशक से दोबारा एनओसी लेनी पड़ती है।