यूनियनों की हुंकार से कच्चे कर्मियों में जगी आस

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 18 Jun, 2018 09:27 AM

unions are keen to work in raw workers

प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में वर्षों से अनुबंध आधार पर काम कर रहे हजारों कच्चे कर्मचारियों की लड़ाई के लिए अब सर्व कर्मचारी संघ की अगुवाई में दर्जनों कर्मचारी यूनियनों ने कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र...

चंडीगढ़(पांडेय): प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में वर्षों से अनुबंध आधार पर काम कर रहे हजारों कच्चे कर्मचारियों की लड़ाई के लिए अब सर्व कर्मचारी संघ की अगुवाई में दर्जनों कर्मचारी यूनियनों ने कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने, सभी विभागों से ठेका प्रथा खत्म करने, समान काम का समान वेतन देने व नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए कच्चे कर्मियों की नौकरी पक्की करने के लिए प्रदेशव्यापी निर्णायक आंदोलन का ऐलान कर दिया है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट की अध्यक्षता में रोहतक में हुई राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में 26 विभागों व 32 संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शिरकत की और घोषित आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लाम्बा ने सम्मेलन में लिए गए आंदोलन के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने व हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने की मांग को लेकर 20 से 25 जून तक सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे जाएगा। 

आंदोलन के अगले चरण में 28 जून को जेल भरो आंदोलन के तहत जिला मुख्यालयों पर लाखों कर्मचारी सामूहिक गिरफ्तारियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में 1 से 7 जुलाई सभी विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दिए जाएंगे। आंदोलन के अगले चरण में 10 जुलाई से 10 अगस्त तक जन सेवाओं एवं रोजगार बचाने के लिए जन अभियान चलाया जाएगा और विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन कर्मचारी विधानसभा कूच करेंगे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा चंडीगढ़ से ही प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया जाएगा।

आंदोलन के बाद जागेगी सरकार : संघ  
सर्व कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मीटिंग के बाद भी अब तक सरकार की ओर से हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मियों को पक्का करने को लेकर कोई पहल नहीं शुरू की गई है। उलटे सरकार के अफसरों की ओर ऐसे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के बारे में डराया जा रहा है। यही नहीं कई विभागों में अनुबंध आधार पर 10 वर्षों से ज्यादा समय से काम कर रहे कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाने की धमकी दी जा रही है। यूनियन नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने कर्मचारियों के साथ कोई धोखा किया तो वह आर-पार की लड़ाई के लिए भी तैयार हैं।

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