Edited By Manisha rana, Updated: 02 Feb, 2024 04:12 PM
हरियाणा के दो बेटे असम में शहीद हो गए। नारनौल के संजय यादव नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से शहीद हो गए, जबकि करनाल के रजनीश को हार्ट अटैक आ गया।
करनाल/रेवाड़ी : हरियाणा के दो बेटे असम में शहीद हो गए। नारनौल के संजय यादव नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से शहीद हो गए, जबकि करनाल के रजनीश को हार्ट अटैक आ गया। दोनों का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। संजय यादव को छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। वहीं करनाल के पंजोखरा में शहीद रजनीश को 9 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।
शहीद रजनीश के संस्कार के PHOTOS
2003 में CRPF में भर्ती हुए थे करनाल के रजनीश
रजनीश का जन्म 1984 में पंजोखरा गांव में हुआ था। वह साल 2003 में CRPF की 67 बटालियन में भर्ती हुए थे। करीब 3 साल से हेड कॉन्स्टेबल के पद पर शिलांग मेघालय में तैनात में थे। 15 दिन पहले ही गुवाहाटी में मेडिकल कोर्स के लिए अपनी बटालियन के साथ आए थे। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे क्लास के बाद वह खाना खाने के लिए मैस गए। खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में आराम करने के लिए चले गए। इस दौरान 4 जवान और भी कमरे में मौजूद थे। अचानक रजनीश की छाती में दर्द हुआ। साथी जवान उसे अस्पताल लेकर गए। जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। रजनीश की 2006 में सुदेश के साथ शादी हुई थी। उनके 2 बच्चे हैं। बड़ी लड़की रितिका 13 साल की है जो 8वीं कक्षा में पढ़ती है और छोटा बेटा गर्व 9 साल का है, जो 5वीं कक्षा में पढ़ता है। रजनीश बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे और बेटे को सेना में ही अफसर बनाना चाहते थे।
2006 में CRPF में भर्ती हुए थे नारनौल के संजय
नारनौल के नूनी शुखपुरा गांव के रहने वाले संजय यादव साल 2006 में 68वीं बटालियन CRPF में भर्ती हुए थे। इसके बाद उन्होंने कई जगह ड्यूटी दी। इन दिनों वह असम में तैनात थे। 31 जनवरी को असम में हुए एक नक्सली हमले में संजय को गोली लग गई, जिससे वह शहीद हो गए। संजय अपने पीछे पत्नी और 2 छोटी बेटियां छोड़ गए हैं। एक बेटी की उम्र ढाई साल और दूसरी की उम्र करीब 6 साल है।
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