यह है गांव में कोरोना फैलने का मुख्य कारण, बाहर की हवा खाना पड़ रहा भारी

Edited By Shivam, Updated: 11 May, 2021 12:47 AM

this is main reason for outbreak of corona in the village

दिल्ली-एनसीआर जैसे हालात दक्षिण हरियाणा में बन रहे हैं। पिछले एक सपताह में यहां रिकार्ड तोड़ कोरोना पॉजिटिव केस आने के साथ ही मौत का आंकड़ा भी काफी डरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह के केसों की स्टडी की तो पता चला कि रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ शहरी...

रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): दिल्ली-एनसीआर जैसे हालात दक्षिण हरियाणा में बन रहे हैं। पिछले एक सपताह में यहां रिकार्ड तोड़ कोरोना पॉजिटिव केस आने के साथ ही मौत का आंकड़ा भी काफी डरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह के केसों की स्टडी की तो पता चला कि रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ शहरी एरिये के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में पॉजिटिव केस आ रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग तेजी से करने के अलावा वहां पर जागरूकता अभियान चलाने की दिशा में काम कर रहा है।

पिछले सात दिन की बात करें तो रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ जिले के गांवों से कोरोना पॉजिटिव की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। शहरी एरिये में लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने एवं टेस्टिंग तेजी होने से शहरी एरिया में इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। प्रशासन की सोच है कि एक सप्ताह में इन दोनों जिलों में करीब चार हजार से अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं वहीं मरने वालों का आंकड़ा अर्धशतक पार कर चुका है। 

इसी के चलते अब प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जंग जीतने का प्रण कर लिया है। इसको लेकर दो दिन से प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की कई बार मीटिंग हुई और दूरभाष पर बातचीत कर यह निष्कर्ष निकाला कि अब गांव में भी लॉकडाउन को सख्ती से पालन करना एवं वहां अधिक से अधिक टेस्टिंग करना ही एकमात्र उपाय है।

गांवों में अभी भी हालात पहले समान
अधिकारियों ने बताया कि गांव के लोग अभी भी घरों में नहीं रह रहे, सुबह-दोपहर व शाम को वह घर के बाहर घूम रहे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे। मास्क को लेकर भी गंभीर नहीं हैं। पुलिस को देखकर ही मास्क की याद आती है। चौपाल पर अभी भी हुक्का गुडग़ुड़ाया जा रहा है। ताशपत्ती का खेल अभी भी जारी है। हालात यह है कि गर्मी के बावजूद लोग परिवार के बजाए दोस्तों के साथ अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। 

हल्के बुखार, खांसी, हाथ-पैर दर्द जैसे लक्षण आने के बाद ग्रामीण इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। गांव में ही झोलाछाप या झाड़ा देने वालों के पास जाकर इलाज करवा रहे हैं। प्रशासन ने इन बिंदुओं को अपनी रिपोर्ट के बाद तैयार कर सबसे पहले इसे ही दूर करने का मन बनाया है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी जिद छोडऩी होगी 
सीएमओ डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि ग्रामीणों को अब अपनी जीवन शैली में बदलाव करना होगा। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। घरों में रहना होगा और लॉकडाउन का पालन करना होगा। हम गांव में टेस्टिंग का दौर अब तेज करेंगे। साथ ही हल्का सा भी लक्षण आने पर ग्रामीणों को अस्पताल आने की सलाह देंगे। 

डीसी अजय कुमार भी लगातार मानिटरिंग के साथ ही लोगों को एहतियात के साथ जीवन यापन की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय लापरवाही ना बरते और कोविड गाइड लाइन का पालन करें। गांव में अब विशेष अभियान चलाएंगे और लॉकडाउन का पालन हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।
 

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