प्रदेश के सभी इंडस्ट्रीज की निरीक्षण अवधि होगी कम

Edited By vinod kumar, Updated: 30 Dec, 2019 09:39 AM

the inspection period of all industries in the state will be shorter

हरियाणा में नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने और वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने हेतु अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने प्रदेश में चल रही सभी प्रकार की इंडस्ट्रीज पर और अधिक सख्ती करने का फैसला किया है। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड...

चंडीगढ़(गौड़) : हरियाणा में नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने और वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने हेतु अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने प्रदेश में चल रही सभी प्रकार की इंडस्ट्रीज पर और अधिक सख्ती करने का फैसला किया है। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एच.एस.पी.सी.बी.) के चेयरमैन को भेजे गए निर्देशों में सैंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) ने सभी इंडस्ट्रीज की निरीक्षण अवधि को कम करने की हिदायत दी है।

इन निर्देशों को जारी करने का एक कारण लगातार खराब हो रही हरियाणा के ग्राऊंड वाटर की क्वालिटी को भी बताया है। सी.पी.सी.बी. ने इंडस्ट्रीयल सैक्टर्स को रैड,ऑरेंज,ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी में विभाजित किया है। इन सभी इंडस्ट्रीज को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए एच.एस.पी.सी.बी. ने सी.पी.सी.बी.की पॉलिसी को प्रदेश में लागू किया है। जिसमें वाटर एक्ट,1974 के सैक्शन 18 (1) और एयर एक्ट,1981 तहत नदियों को प्रदूषण मुक्त करने तथा वायु प्रदूषण से निपटने हेतु राज्य के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

इस पॉलिसी में सभी प्रकार की इंडस्ट्रीज की निरीक्षण अवधि को 3,5 और 7 साल तय किया गया है लेकिन अब एन.जी.टी.के निर्देशों पर सी.पी.सी.बी. ने प्रदेश की सभी इंडस्ट्रीज की निरीक्षण अवधि को कम करने हेतु रिवाइज गाइडलाइंस जारी की हैं,ताकि कम अंतराल में ही सभी इंडस्ट्रीज की जांच ठीक प्रकार से हो सके।

इंडस्ट्रीज को ऑटो रिन्यूअल देना भी गलत
इससे पहले ट्रिब्यूनल की ओर से सी.पी.सी.बी. द्वारा गठित की गई ज्वाइंट कमेटी से रिपोर्ट भी मांगी गई थी। इस रिपोर्ट में ज्वाइंट कमेटी ने प्रदूषण फैलाने वाली सभी कैटेगरी की इंस्पैक्शन के लिए बनाई गई राज्य की पॉलिसी पर सवाल उठाए थे। इसके साथ ही ऑप्रेट करने हेतु फिर से कंसेंट न लेने की भी जरूरत को गलत ठहराया था। वर्तमान समय में अगर किसी इंडस्ट्री को ऑप्रेट करने के लिए एक बार कंसेंट ले ली जाती है तो भविष्य में उसे खुद ही रिन्यू कर दिया जाता है इसलिए ट्रिब्यूनल ने इन नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए मौजूदा पॉलिसी में बदलाव करने की जरूरत बताई है। 

15 दिन में देनी होगी एक्शन टेकन रिपोर्ट
सी.पी.सी.बी. ने ग्रीन कैटेगरी की इंडस्ट्रीज पर भी निरंतर अंतराल पर नजर रखने को कहा है,ताकि ग्रीन कैटेगरी के नाम पर ऐसी इंडस्ट्रीज प्रदूषण न फैलाए। इसके साथ ही सी.पी.सी.बी. ने निर्देश दिए हैं कि एच.एस.पी.सी.बी. इन नियमों को तुरंत प्रभाव से लागू करे और इसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट 15 दिन के भीतर सबमिट करवाए। जिसमें प्रदेश में चल रही सभी कैटेगरी की इंडस्ट्रीज की जानकारी देनी होगी।

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