हनीट्रैप मामले में रेडिंग पार्टी की इंचार्ज पर महिला पुलिस एस.आई का नाम शिकायत से निकालने के आरोप

Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2023 11:34 AM

the in charge of the raiding party has been accused of removing

कैथल के तितरम थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव के बुजुर्ग से हनीट्रैप कर 10 लाख रुपए मांगने के मामले में नया मोड़ आया है। शिकायतकर्ता ने हनीट्रैप में सिटी थाना की महिला एस.आई की भी संलिप्तता बताई। आरोप है कि महिला एस.आई ने

कैथल(जयपाल): कैथल के तितरम थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव के बुजुर्ग से हनीट्रैप कर 10 लाख रुपए मांगने के मामले में नया मोड़ आया है। शिकायतकर्ता ने हनीट्रैप में सिटी थाना की महिला एस.आई की भी संलिप्तता बताई। आरोप है कि महिला एस.आई ने शिकायतकर्ता को फोन कॉल करके कहा कि चुपचाप पैसे दोगे तो बच जाओगे, नहीं तो जेल की सलाखों के पीछे जाओगे।

ही नहीं आरोपियों को पैसे देते हुए रंगे हाथों पकड़वाने के लिए शिकायतकर्ता ने जो एसपी के नाम शिकायत लिखी थी। उसमे आरोपी रूमा, राजू और महिला एस.आई धनपति का भी नाम था। आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए एसपी के निर्देश पर रेडिंग पार्टी तैयार की गई। जिसकी इंचार्ज महिला थाना एसएचओ सब इंस्पेक्टर रेखा को बनाया गया। जब रेड पूरी हुई तो रेडिंग पार्टी ने केवल आरोपी रूमा व राजू का नाम ही पुलिस शिकायत में दिखाया। जिस कारण पुलिस ने अब केवल आरोपी रूमा व राजू के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता अब आरोप लगा रहे हैं कि रेडिंग पार्टी इंचार्ज ने बिना उसकी सहमति के महिला पुलिस एस.आई का पक्ष रखते हुए उसका नाम शिकायत से बाहर निकाला है।

जबकि महिला एस.आई ने फोन कॉल करके शिकायतकर्ता के ऊपर दबाव बनाया था। ऐसे में पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया है। अब देखना ये होगा कि इस मामले में एसपी की तरफ से हनीट्रैप के मामले संलिप्त सिटी थाना की एस.आई व रेडिंग पार्टी की इंचार्ज पर क्या कार्रवाई की जाती है।

दो हफ्ते पहले भी हनी ट्रैप मामले संगतपुरा चौकी इंचार्ज की पाई थी संलिप्तता 
इस महीने में पुलिस ने हनी ट्रैप के कुल दो मामले दर्ज किए हैं। दोनों मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। उसके बावजूद भी इन दोनो मामलों में शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। बता दें की दो हफ्ते पहले सिटी थाने में दर्ज एक मामले के आरोप में कैथल एसपी ने संगतपुरा चौकी के इंचार्ज एएसआई अनवर को सस्पेंड किया था। जिस पर शिकायतकर्ता ने पैसे देने के लिए दबाव बनाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर कैथल एसपी ने इसकी जांच डीएसपी उमेद सिंह को सौंप थी। जिसमे उपरोक्त चौकी इंचार्ज की आरोपियों के साथ संलिप्त पाई जाने पर उसे सस्पेंड कर दिया था।  

बिना पुलिस की संलिप्तता के हनीट्रैप का मामला बनने के हैं बहुत कम चांस
अब तक दर्ज हुए हनीट्रैप दो मामलों से एक बात निकलकर सामने आई है। यदि इन मामलों में पुलिस की संलिप्त ना होती तो शायद ये हनीट्रैप के मामले बनने के बहुत कम चांस होते। क्योंकि शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस को शिकायत देने के बाद आरोपी पक्ष पर कार्रवाई करने के लिए पैसे देकर समझौता करने का दबाव बनाया जाता है। जिससे आरोपी पक्ष घबरा जाता है और मामले को निपटाने के लिए पैसे देने को तैयार हो जाता है।

इसलिए हनी ट्रैप के ज्यादातर मामलों में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। यदि पुलिस आरोपी पर कार्रवाई का दबाव बनाकर समझौता करने की बात ना करे और नियम अनुसार कार्रवाई करें। तो ऐसे मामलों में पुलिस की संलिप्तता का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसलिए विभाग के उच्च अधिकारीयों द्वारा ऐसे मामलों में बिना किसी देरी के कार्रवाई करने के सख्त आदेश देने की जरूरत है।

डीएसपी ललित कुमार ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। फिर भी यदि इस मामले में किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाती है। तो निश्चित तौर पर इसकी जांच करके नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यदि पुलिसकर्मी का कोई दोष नहीं पाया जाता तो उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।

 

  

 

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