दलितों के हित में सुप्रीम कोर्ट पहुंची हरियाणा सरकार, पुनर्विचार याचिका दायर की

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 28 Apr, 2018 08:55 AM

the haryana government which reached the supreme court

हरियाणा सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित समुदायों के अधिनियम-1989 के प्रावधानों के संबंध में दिए गए निर्णय तथा आपराधिक अपील संख्या 416-2018 के आदेशों की समीक्षा करने के लिए पुनर्विचार याचिका.....

चंडीगढ़(बंसल): हरियाणा सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित समुदायों के अधिनियम-1989 के प्रावधानों के संबंध में दिए गए निर्णय तथा आपराधिक अपील संख्या 416-2018 के आदेशों की समीक्षा करने के लिए पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की है। हरियाणा ने अपनी पैरवी के लिए बी.के. सतीजा को अधिवक्ता लगाया है। यह जानकारी हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने पत्रकार सम्मेलन में दी।

उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 20 मार्च, 2018 को अपने निर्णय में कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित समुदायों के अधिनियम-1989 के तहत सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों को बिना पूर्व अनुमति के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और उन्हें नियम के अधीन जांच के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जातियों व अनूसचित समुदायों के लोगों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने भी इस मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उस समय कहा था कि वे न तो संविधान के साथ कोई छेड़छाड़ करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। 

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