शहीद तेजपाल को देख आखों से छलका आंसुओं का सैलाब, डेढ़ साल के बेटे ने चिता को दी मुखाग्नि

Edited By Manisha rana, Updated: 25 Dec, 2023 10:43 AM

tears welled up after seeing martyr tejpal

देश के लिए बेहद खतरनाक मिशनों को अंजाम देने वाले पलवल के भिडूकी गांव निवासी पैरा टूपर कमांडों तेजपाल की शहादत पर रविवार देर शाम सिद्ध बाबा खेल परिसर में पूरे सैनिक सम्मान के साथ हजारों लोगों ने उसे नम आंखों से अंतिम विदाई दी। हरियाणा का लाल

पलवल (गुरुदत्त गर्ग) : देश के लिए बेहद खतरनाक मिशनों को अंजाम देने वाले पलवल के भिडूकी गांव निवासी पैरा टूपर कमांडों तेजपाल की शहादत पर रविवार देर शाम सिद्ध बाबा खेल परिसर में पूरे सैनिक सम्मान के साथ हजारों लोगों ने उसे नम आंखों से अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के समय उसके डेढ़ साल के बेटे मोक्ष से पैतृक गांव में हजारों लोगों की मौजूदगी में मुखाग्नि दिलाई गई। 

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पिछले करीब 6 महीने से कैंसर से पीड़ित था तेजपाल

जानकारी के मुताबिक पलवल के भिडूकी गांव का निवासी जांबाज वीर तेजपाल अपनी निजी जिंदगी में 24 दिसंबर का उगता हुआ सूर्य देखने से पहले दुनिया को अलविदा कर चिरनिंद्रा में लीन हो गया। देश के ऐसे वीर सपूत की मौत पर पूरे जिले में शोक की लहर देखी गई। अपने क्षेत्र के लाल के अंतिम दर्शन और विदाई देने के लिए गांव के सिद्ध बाबा खेल परिसर में हजारों की भीड़ उमड़ी। शहीद तेजपाल की मौत की खबर जिसने भी सुनी वहीं नम आंखों से श्रद्धांजलि देने सिद्ध बाबा खेल परिसर में पहुंच गया। तेजपाल पिछले करीब छह महीने से कैंसर से पीड़ित था जिसने दिल्ली आर आर हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान अंतिम सांस ली।

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सितंबर 2016 में थर्ड पैरामिलिट्री फोर्स की थी ज्वाइन 

बेहद कुशाग्र बुद्धि वाले भिडूकी गांव निवासी भूपराम के बेटे तेजपाल ने सितंबर 2016 में थर्ड पैरामिलिट्री फोर्स ज्वाइन की थी। करीब तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी जिसका करीब डेढ़ वर्ष का एक बेटा है। बेटे का नाम मोक्ष है। शहीद तेजपाल के पिता भूपराम की भी तभी मौत हो गई थी, जब वह बहुत छोटा था। 

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प्रारंभ से ही जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए वह पैरामिलिट्री फोर्सेस में वह पैरा टूपर बना था जिसकी तैनाती लद्दाख -श्रीनगर और जयपुर जैसे बेहद खतरनाक मोर्चों पर रही। अनेकों खतरनाक मिशनों को उसने सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। शहीद कमांडों तेजपाल  खतरनाक से खतरनाक मिशनों से हार नहीं मानी थी। लेकिन विधाता की करनी ऐसी हुई, वह मोर्चे पर बीमार हो गया। जांच कराई गई तो उसे कैंसर पाया गया। जिसका पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आरआर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान निजी जीवन से हार मानकर उसने अंतिम सांस ली।

पैरा टूपर कमांडो तेजपाल की मौत के बाद उसके पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ भिडूकी गांव लाया गया। मौत की खबर से चारों ओर सन्नाटा था। जब तब लोग वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। जहां प्रशासनिक और राजनीतिक नेताओं के साथ हजारों लोगों ने अपनी और क्षेत्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी। श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई देने वालों में होडल के भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री जगदीश नायर, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, भाजपा जिला अध्यक्ष चरण सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा, होडल मार्केट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष देवेश, वीरू की गांव की सरपंच शशि बाला तेवतिया, पूर्व सरपंच राम शरण, जिला सैनिक बोर्ड के सदस्य एक्स आर्मी कैप्टन नर्सिंग, जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक वेलफेयर विभाग के सचिव कर्नल देवेंद्र सिंह ढाका, वेलफेयर ऑर्गेनाइजर इंद्रजीत सिंह, हवलदार गिरीश कुमार आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।

 

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