रेशनलाइजेशन की आड़ में शिक्षकों के पद खत्म करने की साजिश- सत्यनारायण यादव
Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 31 Mar, 2025 05:56 PM

रेशनलाइजेशन नॉर्म की आड़ में प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पद को प्रदेश सरकार समाप्त करना चाहती है। जिसे अध्यापक संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा।
गुड़गांव, (ब्यूरो): रेशनलाइजेशन नॉर्म की आड़ में प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पद को प्रदेश सरकार समाप्त करना चाहती है। जिसे अध्यापक संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सत्यनारायण यादव व जिला प्रधान मनोज ने कहा कि वर्ष 2022 में शिक्षकों के तबादले से पहले सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में शिक्षकों के 38768 पद खाली थे, पर तबादलों के तुरंत बाद ही सरकारी जादूगरी से बिना भर्ती किए खाली पदों का आंकड़ा 20 हजार घटकर लगभग 18 हजार पर सिमट गया। अभी हाल ही में प्राथमिक अध्यापकों की रैशनलाइजेशन करते हुए 5315 पद खत्म कर दिए गए और अब टीजीटी और पीजीटी के पदों को खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी गई।
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नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश सरकार त्रिभाषा फॉर्मूला लागू करने का ढिंढोरा पीट रही है। दूसरी तरफ सभी भाषाओं के पीरियड घटाए जा रहे हैं। कक्षा 6 से 8 में सभी भाषाओं के पीरियड 5 कर दिए गए हैं। 9 से 12 में हिंदी के 6 से बढ़ाकर 8 पीरियड करने की मांग थी। लेकिन ये पीरियड न बढ़ाकर दूसरी भाषाओं और वैकल्पिक विषयों के पीरियड 6 से घटाकर 5 कर दिए गए हैं। प्राथमिक व मिडल स्कूलों के मुखियाओं को विषय का पूरा वर्कलोड दिया जा रहा है।
यही नहीं हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में संबंधित विषयों के टीजीटी और पीजीटी के वर्कलोड को संयुक्त करते हुए ज्यादा से ज्यादा पदों को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। इसी विधानसभा सत्र में प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए एक प्रश्न के जवाब अनुसार प्रदेश में शिक्षकों के 15659 पद खाली है। लेकिन अनाप-शनाप रैशनलाइजेशन के माध्यम से इन सभी खाली पदों को समाप्त करने की सरकारी जादूगरी शुरू हो गई है। अगर अतिशीघ्र संगठन के साथ बातचीत से सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद करने वाले नॉर्म्स को नहीं बदला गया तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी।