कृषि बिजली बिल 2020 पास हो गया तो देश का किसान तबाह हो जाएगा: स्वर्ण सिंह विर्क

Edited By virk, Updated: 22 Nov, 2020 02:32 PM

swarn singh virk target to central government

कृषि सुधार को लेकर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चोर रास्ते से उस समय तीन कानून लाए गए जब भारत देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोरोना संक्रमण की त्रासदी से जूझ रहा था। मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ था और समूचा विश्व अन्य सभी बातों को भुला इस...

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना): कृषि सुधार को लेकर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चोर रास्ते से उस समय तीन कानून लाए गए जब भारत देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोरोना संक्रमण की त्रासदी से जूझ रहा था। मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ था और समूचा विश्व अन्य सभी बातों को भुला इस उहापोह में था कि कोरोना संक्रमण पर किस तरह काबू पाया जा सके और मानव जीवन के अस्तित्व को किस तरह बचाया जा सके। लेकिन हमारे देश की मोदी सरकार ने ऐसे आपात समय में मौका को अवसर में बदला जैसा वह अकसर कहते हैं और किसानों के अहितकर यह तीन कानून पास किए। यह शब्द कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने आज गांव तलवाड़ा खुर्द के बस स्टैंड पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को ले कर मरणव्रत पर बैठे जरनैल बराड़ को उन्हें समर्थन देने के लिए धरनास्थल पर पहुंच कर कहे। 

उन्होंने कहा इन तीन कानूनों में जो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात की जा रही है। इस कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में सीमांत किसान बड़ी-बड़ी  कंपनियों के अधीन हो जाएंगे। उन्हीं बड़ी कंपनियों के अनुरूप ही उन्हें अपने खेत में काश्त करनी पड़ेगी। उन्हीं के साथ कि गई संविदा के अनुरूप अपने खेत में क्वांटिटी व क्वालिटी की फसल देनी पड़ेगी। अन्यथा उस के हाथ खाली रह जाएंगे। हो सकता है कि एक या दो वर्ष तो ऐसी बड़ी कंपनियां किसानों को फायदा दे भी दे। लेकिन अल्टीमेटली ऐसी कंपनी किसान को इस कदर आर्थिक रूप से कमजोर कर देगीं की किसान को अपनी जमीन उन कंपनियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ जाएगा। इसके अलावा किसान के पास कोई चारा नही होगा और किसान भूमिहीन हो जाएगा।

इसके साथ उन्होंने कहा कि देश में बिजली बिल अधिनियम 2020 एक नया बिल पास करने कि तैयारी चल रही है। जो कि विचाराधीन है। यदि यह कृषि बिजली बिल अधिनिम 2020 पास हो गया तो किसान को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी, जिससे किसान अपने खेतों में लगे ट्यूबवेल बिजली से नही चला पाएंगे। चूंकि बिजली के दाम बहुत महंगे हो जाएंगे। ऐसे में महंगे दामों की बिजली पर अपने खेतो में ट्यूबवेल न चला सकने के कारण पानी के अभाव में किसान को अपने खेत खाली छोड़ने पड़ेंगे। जिससे किसान की कमर निश्चित रूप से टूट जाएगी। इसलिए उन्होंने यह मांग रखी कि केंद्र सरकार किसान की हालत पर तुरुन्त ध्यान दे। ताकि जय जवान जय किसान का नारा सार्थक हो सके।

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