किसान आंदोलन-2 को सर्व जातीय दाडऩ खाप का समर्थन, बोले- 48 घंटे तक किसानों की मांगे नहीं माने तो....

Edited By Isha, Updated: 16 Feb, 2024 05:25 PM

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सर्व जातीय दाडऩ खाप चबूतरा पालवां पर खाप की मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता खाप के प्रधान सूरजभान घसो ने की। इस दौरान सर्वसम्मति से किसान आंदोलन-2 को अपना समर्थन देने, 48 घंटे तक किसानों की मांगे नहीं माने जाने पर हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर धरना दे रहे...

उचाना( प्रदीप श्योकंद  ): सर्व जातीय दाडऩ खाप चबूतरा पालवां पर खाप की मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता खाप के प्रधान सूरजभान घसो ने की। इस दौरान सर्वसम्मति से किसान आंदोलन-2 को अपना समर्थन देने, 48 घंटे तक किसानों की मांगे नहीं माने जाने पर हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों  का साथ देने के लिए वो भी तैयार हैं। 

  सूरजभान घसो ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे है। किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा जिस तरीके से रोका जा रहा है वो गलत है। जगह-जगह कई लेयर की सुरक्षा ऐसी की गई है जैसे हरियाणा में किसान नहीं बल्कि दुश्मन गुजरेंगे। दिल्ली सरकार किसानों को जाने दे ताकि वो अपना धरना वहां दे सकें। किसानों के इस आंदोलन को खाप का पूरा समर्थन है। कई दिनों से इंटरनेट सेवा बंद की हुई है। इन दिनों परीक्षाओं का समय है। सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों को हो रही है। दुकानों, रेहड़ी पर भी अधिकांश कार्य इंटरनेट से होने वाले गूगल, फोन पेय से चलता है। ऐसे में नेट बंद होने से हर कोई परेशान है।    

पूर्व प्रधान दलबीर श्योकंद ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा डूमरखा गांव से आगे सिरसा ब्रांच नहर के पास बेरीगेटस लगाए गए है। वाहन चालकों को लिंक मार्गों से होकर आना-जाना पड़ता है। कई गांवों के लोग परेशान है। बेरीगेटस प्रशासन को लगाने है तो वो नरवाना से से पंजाब की तरफ लगाए। इन बेरीगेटसों को हटाने की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिलेंगे। 48 घंटे तक अगर बेरीगेटस नहीं हटाए गए तो खुद ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खाप के गांवों के ग्रामीणा इन बेरीगेट्सों को हटाने का काम करेंगे। जींद जिले की सीमा में इस तरह के बेरीगेटस प्रशासन न लगाए। इससे हर किसी को परेशानी हो रही है।

पूर्व जिला पार्षद रामपाल झील ने कहा कि जरूरत पड़ी तो किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगे। हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के समर्थन में जाएंगे। गांव में पहले के किसान आंदोलन की तरह चंदा एकत्रित भी किया जाएगा। किसानों को झूठ बोलकर केंद्र सरकार ने आंदोलन का स्थगित करवा दिया था। अब अपनी मांगों को लेकर किसान फिर से आंदोलन कर रहे है। पंजाब के किसानों के साथ हम पूरी तरह से तैयार है। केंद्र सरकार किसानों की मांगों को माने। ये आंदोलन अकेले पंजाब, हरियाणा के किसानों के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए हो रहा है।

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