मोटर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की सख्ती, एजैंसी संचालकों व वाहन मालिकों की बढ़ीं परेशानियां

Edited By Manisha rana, Updated: 03 Mar, 2021 08:32 AM

strictness of motor registration authority problems agency operators vehicle

मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन को लेकर पिछले दिनों सामने आई अधिकारियों व कर्मचारियों की धांधली के बाद अब इतनी अधिक सख्ती दिखाई जा रही है कि आम आदमी को यह रास नहीं आ रही। आम आदमी का कहना है कि घोटाले ...

यमुनानगर : मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन को लेकर पिछले दिनों सामने आई अधिकारियों व कर्मचारियों की धांधली के बाद अब इतनी अधिक सख्ती दिखाई जा रही है कि आम आदमी को यह रास नहीं आ रही। आम आदमी का कहना है कि घोटाले करने वाले घोटाले कर गए, लेकिन परेशानियां उनकी बढ़ गई हैं। एक काम तो फिलहाल ठीक हो गया है कि फाइल के साथ जो रिश्वत चलती थी, उस पर तुरंत प्रभाव से अंकुश लग गया है। ऐसे में परेशानियां बढऩी स्वाभाविक है। 

वहीं दूसरी ओर वाहन डीलर भी बेहद परेशान हैं और उनके ग्राहक आए दिन उनके साथ अपना मोटर वाहन रजिस्टर न होने के कारण लड़ रहे हैं। दोपहिया वाहन विक्रेता एजैंसी मालिक ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 सप्ताह से अधिक हो गए उन्हें फाइल जमा करवाए, लेकिन अभी तक उनके पास वाहनों की नंबर प्लेट तक नहीं आई, रजिस्ट्रेशन की तो बात दूर है। वाहन एजैंसी संचालकों का कहना है कि पहले उनका काम लगभग ठीक चल रहा था, लेकिन घोटाले के इस घटनाक्रम के बाद उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं और उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

न मिल रहा क्लेम और न आर.सी.
नाम न छापने की शर्त पर एजैंसी संचालक बताते हैं कि वाहन को बेचते समय उसकी रजिस्ट्रेशन करवाने की जिम्मेदारी उनकी होती है, जबकि पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त को लेकर लघु सचिवालय में औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। अब जो भी उपभोक्ता नया वाहन लेता है उसे रजिस्ट्रेशन के लिए तमाम कागजात व फीस आदि एजैंसी संचालक के पास जमा करवाने पड़ते हैं, जिसके बाद एजैंसी संचालक वाहनों की आर.सी. बनवाकर उन्हें सौंपता है। इस दौरान एक माह के लिए अस्थायी नंबर जारी किया जाता है। अब यदि एक माह में भी गाड़ी की आर.सी. न बने तो उपभोक्ता एजैंसी संचालक के साथ लडऩे को तैयार हो जाता है। एजैंसी संचालक बताते हैं कि वाहन बिना आर.सी. के यदि सड़कों पर उतरेंगे और दुर्घटना होती है तो उसका क्लेम  इंश्योरैंस कम्पनियां नहीं देती। दूसरी स्थिति में यदि आर.सी. नहीं है तो पुलिस भी एक माह बाद किसी भी चौक-चौराहे पर रोक कर गाड़ी का चालान कर सकती है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता सीधे एजैंसी संचालक के गले पड़ जाता है।

औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी समय पर नहीं बन रही आर.सी.
एजैंसी संचालक ने बताया कि जब वे रजिस्ट्रेशन कार्यालय में सारी औपचारिकताएं पूरी कर देते हैं तो उसके बाद नंबर प्लेट उनकी एजैंसी पर पहुंचती है जिसके बाद विभाग द्वारा आर.सी. वाहन स्वामी के पते पर डाक द्वारा भेजी जाती है। ऐसी स्थिति में अक्सर कभी डाक लेट पहुंचती है तो कभी घर के पते पर पहुंचती ही नहीं। ऐसे में एक बार फिर से आर.सी. दोबारा डाकखाने में आ जाती है, जिसकी जानकारी न तो वाहन के स्वामी को होती है व न एजैंसी और न ही अथॉरिटी को। ऐसे में मुसीबतें बढ़ती हैं तो सिर्फ वाहन मालिक की। एजैंसी संचालक तो सभी औपचारिकताएं पूरी कर अथॉरिटी को दे रहा है, लेकिन अथॉरिटी में लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खमियाजा वाहन स्वामी व एजैंसी को भुगतना पड़ रहा है। एजैंसी संचालकों का कहना है कि जिला प्रशासन इस ओर विशेष ध्यान दे और आए दिन पेश आ रही समस्याओं का समाधान करे, ताकि न उन्हें परेशानी हो और न ही उपभोक्ताओं को।

बी.एस.-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन समाप्त
जानकारी के अनुसार बी.एस.-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अथॉरिटी ने गत वर्ष 31 मार्च तक का समय दिया था। इस वर्ष कुछ लोगों ने अपने वाहनों की रजिस्ट्रेशन एजैंसियों के माध्यम से करवाई भी थीं, लेकिन जो लोग चूक गए थे उनके लिए बाद में कु छ समय की बढ़ौतरी भी की गई थी, लेकिन इसके बाद भी बहुत सारे वाहनों के स्वामी ऐसे थे जो रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे। उनके लिए अब मुसीबत बन गई है, क्योंकि उनके वाहनों की अब रजिस्ट्रेशन नहीं हो रही है और बिना रजिस्ट्रेशन के वे सड़क पर नहीं आ सकते। यदि ऐसा कोई वाहन सड़क पर आता है तो अपराध है और उसे पुलिस बॉन्ड करती है।

क्या बोले अधिकारी, कर्मचारी व भाजपा नेता
मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन मामले को लेकर अधिकारी व कर्मचारी भी बोलने से बच रहे हैं। तत्कालीन एस.डी.एम. दर्शन बिश्नोई को तो सरकार ने यहां से हटाकर आपदा प्रबंधन विभाग में भेज दिया है। उनके स्थान पर आए एस.डी.एम. सुशील कुमार ने अभी चार्ज संभाला है, जोकि बार-बार फोन करने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं कर रहे। 

इस कार्य में जुटे कर्मचारियों से जब इस बारे में बात करनी चाही तो वे दबी जुबान में बताते हैं कि जब से यह घोटाला सामने आया है तब से यहां काफी सख्ती हो गई है जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं। धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में भाजपा संगठन से जुड़े मीडिया प्रभारी कपिल मुनीश का कहना था कि जनता को किसी हाल में भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। कपिल ने बताया कि फिलहाल मंत्री कंवरपाल चंडीगढ़ में हैं और जैसे ही वह शहर में आते हैं तो उनको इस कार्य में हो रही देरी के बारे में जानकारी दी जाएगी व अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करवाए जाएंगे।

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