Edited By Isha, Updated: 23 Apr, 2020 05:06 PM
कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश में लॉक डाउन लगा हुआ है। ऐसे में सभी को अपने घरों में रहने की सलाह दी गयी है। स्कूल, कॉलेज बन्द होने के चलते बच्चे अपने घर मे ही रह रहे हैं। घरों तक सीमित बच्चों की भावनात्मक एवं मनोवै
डेस्कः कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश में लॉक डाउन लगा हुआ है। ऐसे में सभी को अपने घरों में रहने की सलाह दी गयी है। स्कूल, कॉलेज बन्द होने के चलते बच्चे अपने घर मे ही रह रहे हैं। घरों तक सीमित बच्चों की भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं को समाधान अब उम्मीद केंद्रों से किया जाएगा।
राज्य के 15 जिलों में शिक्षा विभाग बच्चों की काउंसलिंग के लिए उम्मीद केंद्र शुरू करेगा, क्योंकि बच्चों को इतने लंबे समय तक घर में रखना उन पर साइक्लोजिकल प्रभाव पड़ सकता है। स्कूल बंद होने से बच्चे अपने दोस्तों, स्कूल के साथी व शिक्षकों से नहीं मिल पा रहे हैं। जिनसे वह भावनात्मक रूप से जुड़े हुए होते हैं। इन उम्मीद केंद्रों पर उनकी टेली-काउंसलिंग की जाएगी।
सेकेंडरी एजुकेशन के महानिदेशक अमनीत पी कुमार ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से बच्चे लंबे समय से घर पर हैं। वह अपने दोस्तों, सहपाठियों और शिक्षकों से भी दूर हैं। ऐसे में उनकी भावनाओं को देखते हुए यह उम्मीद केंद्र बनाए गए हैं, ताकि उनकी कोई भी मानसिक दिक्कत हो तो यहां कॉल कर सकें। बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी लगातार घरों तक सीमित हैं, इसलिए यह उम्मीद केंद्र उनकी मनोदशा के लिए भी खुले हैं वह भी यहां पर कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं।