प्रदेश की सत्ता में लगातार 42 वर्षों से भागीदार रहा है सिरसा, जाने पूरा इतिहास

Edited By vinod kumar, Updated: 17 Dec, 2019 09:29 AM

sirsa has been a partner in the state s power for 42 consecutive years

राजस्थान व पंजाब से सटे सिरसा जिला का राजनीतिक इतिहास अपने-आप में रोचक है। हरियाणा गठन के बाद से यहां के नेताओं की देश व प्रदेश की राजनीति में प्रभावी भूमिका रही है। जिले के गांव चौटाला से ताल्लुक रखने वाले चौ.देवीलाल 2 बार उप-प्रधानमंत्री एवं 2 बार...

संजय अरोड़ा: राजस्थान व पंजाब से सटे सिरसा जिला का राजनीतिक इतिहास अपने-आप में रोचक है। हरियाणा गठन के बाद से यहां के नेताओं की देश व प्रदेश की राजनीति में प्रभावी भूमिका रही है। जिले के गांव चौटाला से ताल्लुक रखने वाले चौ.देवीलाल 2 बार उप-प्रधानमंत्री एवं 2 बार मुख्यमंत्री बने। उनके बाद उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला 5 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। एक रोचक पहलू यह भी है कि वर्ष 1977 के बाद से प्रदेश में गठित होने वाली प्रत्येक सरकार में सिरसा की निर्णायक एवं असरकारक भूमिका रही है।

1977 से लेकर 2019 तक हुए चुनावों के बाद इन 42 वर्षों में प्रदेश में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बनी हो और चाहे उस समय सिरसा से सत्ताधारी पार्टी का कोई भी विधायक निर्वाचित न हो पाया हो,मगर फिर भी सत्ता में सिरसा की भागीदारी अवश्य रही है। इन बीते 42 वर्षों में चंडीगढ़ सचिवालय में सिरसा के किसी न किसी नेता को 77 से लेकर अब तक गठित हुई सरकारों में अहम ओहदे मिले हैं।

उल्लेखनीय है कि 1966 में अस्तित्व में आने के बाद हरियाणा की राजनीति में वर्ष 1967 में हुए पहले चुनाव से लेकर अब तक सिरसा की एक प्रभावी भूमिका रही है। 60 के दशक में सिरसा से ताल्लुक रखने वाले चौ.देवीलाल ने प्रदेश में अपना सियासी प्रभाव दिखाया और जब वर्ष 1977 में चौ.देवीलाल पहली बार मुख्यमंत्री बने तो सिरसा की भूमिका प्रदेश की सियासत में अधिक असरकारक हो गई। वर्ष1982 में भजनलाल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार गठित हुई।

इस सरकार में सिरसा से आजाद विधायक लछमन दास अरोड़ा,रोड़ी से विधायक जगदीश नेहरा एवं डबवाली से विधायक गौवर्धन दास चौहान मंत्री बने। वर्ष 1987 में प्रचंड बहुमत से देवीलाल के नेतृत्व में सरकार बनी। चौ. देवीलाल मुख्यमंत्री बने तो उनके बेटे रणजीत सिंह कृषि मंत्री एवं उनके भतीजे डा.के.वी. सिंह उनके विशेष कार्याधिकारी (ओ.एस.डी.) रहे। देवीलाल के उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार में उनके भाई रणजीत सिंह व सिरसा से विधायक हजार चंद कम्बोज मंत्री रहे।

वर्ष 1991 में भजनलाल के नेतृत्व में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी जिसमें सिरसा के विधायक लछमन दास अरोड़ा,रोड़ी के विधायक जगदीश नेहरा एवं डबवाली की विधायक संतोष सारवान मंत्री बने। वर्ष 1996 में हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी और चौ.बंसीलाल मुख्यमंत्री बने। बंसीलाल सरकार में भी सिरसा की सत्ता में भागीदारी रही और सिरसा के विधायक प्रो.गणेशीलाल मंत्री बने। वर्ष 1999 में ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

सिरसा के डबवाली से ताल्लुक रखने वाले राम सिंह बराड़ को मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया। वर्ष 2000 में हुए चुनाव के बाद फिर से सत्ता की कमान ओमप्रकाश चौटाला के हाथों में आई और उनकी सरकार में राम सिंह बराड़ के अलावा सिरसा से संबंध रखने वाले विनोद मेहता उनके सलाहकारों में शामिल रहे। वर्ष 2005 में कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने। उनकी सरकार में सिरसा के विधायक लछमन दास अरोड़ा मंत्री रहे,जबकि कांग्रेस नेता डा.के.वी. सिंह मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी रहे तो चौ.रणजीत सिंह को हरियाणा योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2009 में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पुन: मुख्यमंत्री बने। उस समय बेशक सिरसा जिला से कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला लेकिन बावजूद इसके तब सिरसा से आजाद विधायक गोपाल कांडा को हुड्डा सरकार को समर्थन देने की एवज में राज्य मंत्री का पद हासिल हुआ। 

वहीं,वर्ष 2014 में 47 सीटों पर जीत हासिल कर पहली बार भाजपा सरकार बनाने में सफल रही। उस समय सिरसा से भाजपा का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत सका तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा के पुराने भाजपाई जगदीश चोपड़ा को स्वयं का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त कर इस जिले को प्रतिनिधित्व दिया। अब हाल में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार गठित हुई है और मनोहर लाल फिर से मुख्यमंत्री बने हैं।

इस बार भी बेशक सिरसा से भाजपा का एक भी विधायक नहीं जीता,लेकिन जजपा एवं आजाद विधायकों के सहयोग से बनी सरकार में सिरसा को प्रभावी प्रतिनिधित्व मिला है। सिरसा से ताल्लुक रखने वाले एवं जींद के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से विधायक दुष्यंत चौटाला उप-मुख्यमंत्री हैं तो रानियां से आजाद विधायक चौ.रणजीत सिंह कैबिनेट मंत्री हैं। इस प्रकार पिछले 42 साल के सियासी इतिहास में सिरसा का प्रत्येक सरकार में एक विशेष प्रतिनिधित्व रहा है और यहां के नेताओं ने अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करवाई है।     

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