रेणुका हत्याकांड मामले में नया मोड़, पूर्व मंत्री की बेटी CBI को सौंपेगी सबूत

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Oct, 2017 04:17 PM

renuka murder case

वर्ष-1995 में नाबालिग रेणुका शर्मा हत्याकांड को लेकर परिजनों को 22 साल के बाद भी इंसाफ

यमुनानगर(हरिंदर सिंह): वर्ष-1995 में नाबालिग रेणुका शर्मा हत्याकांड को लेकर परिजनों को 22 साल के बाद भी इंसाफ नहीं मिला। अब परिजनों ने दीवाली तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि उन्हें इंसाफ न मिला तो वे अपने परिवार के साथ आत्मदाह कर कर लेंगे और इसका जिम्मेदार सरकार व प्रशासन होगी। हरियाणा के पूर्व मंत्री स्वर्गीय शेर सिंह की बेटी गीता चौधरी मीडिया के सामने आई और उसने खुलासा किया कि वह इस हत्याकांड से जुटी लगभग 80 प्रतिशत गोपनीय जानकारी रखती है जिसे वह सी.बी.आई. के समक्ष देना चाहेगी। 

इस संबंध में उसने गत माह सी.बी.आई. मुख्यालय को एक पत्र भी लिखा है। साथ ही उसने मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई थी कि वह इस संबंध में गोपनीय जानकारी सी.बी.आई. को देना चाहती है। इस सारी घटनाक्रम के बाद 2 दिन पूर्व गीता चौधरी के बयान पुलिस द्वारा तो रिकार्ड किए गए लेकिन सी.बी.आई. की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। उनका कहना है कि पुलिस ने उनका जो बयान लिया है शायद पुलिस ही उस बयान को सी.बी.आई. तक पहुंचाएगी। तब आगे की कार्रवाई शुरू होगी। इस हत्याकांड को लेकर गत दिवस पूर्व मंत्री स्व. चौधरी शेर सिंह की बेटी गीता चौधरी व रेणुका के पिता सुभाष शर्मा तथा समाजसेवी प्रदीप शर्मा व मार्टिन आदि ने पत्रकार वार्ता कर मीडिया से सारी जानकारी शेयर की। कुछ गुप्त बातों का विस्तार से खुलासा करने की बात पर उन्होंने कहा कि यह जानकारी सुरक्षा की दृष्टि से वे सिर्फ सी.बी.आई. के समक्ष ही देंगे। 
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आत्मग्लानि हुई तो राज खोलने को हुई तैयार
पूर्व मंत्री स्व. शेर सिंह की पुत्री गीता चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि इस हत्या कांड के बारे में लगभग उन्हें पूरी जानकारी है। उनका कहना है कि इस हत्याकांड के बाद करोड़ों का लेन-देन प्रशासनिक व न्यायिक व्यवस्था में हुआ। उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि उन्होंने खुद अपने हाथों से एक अधिकारी को अपने पिता के कहने पर लाखों रुपए दिए। इसके सभी सबूत उनके पास हैं लेकिन इन सबूतों को वे सी.बी.आई. के समक्ष ही रखेंगी क्योंकि उन पर भी न जाने कितना प्रकार का दबाव है और उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। इस घटना के बाद वे 22 वर्ष तक चुप रही क्योंकि कई प्रकार का दबाव उन पर था। 

अब उन्हें इस राज को अपने अंदर दफन करने में आत्मग्लानी हो रही थी क्योंकि रेणुका हत्या कांड जैसी घटना उनके परिवार में भी घटी और वे नहीं चाहती कि अब उनके बच्चों पर इस हत्याकांड का कुछ प्रकोप हो। इस हत्याकांड का मुख्यारोपी उनके परिवार के सदस्यों की तरह ही था। उन्होंने कहा कि वे बिना किसी दबाव व लालच के अपनी आत्मिक शांति के लिए इस केस की तहकीकात करवाकर कार्रवाई को अमल में लानी चाहती हैं और इसके लिए वे अंतिम सांस तक लड़ती रहेंगी। चाहे उनके परिवार के सदस्य व रिश्तेदार जांच के बाद दोषी पाए जाएं तब भी वह इस मामले से पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने बताया कि वे अपने पिता द्वारा पुत्र मोह में होने के कारण चुप रही और उनके पिता की मौत का मुख्य कारण भी यही रहा। उनका दावा है कि उन्होंने हर किसी को इस हत्याकांड में बिकते व खरीदते हुए देखा। 
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परिजनों को बंधी इंसाफ की उम्मीद
गीता चौधरी के साथ आए मृतक रेणुका शर्मा के पिता सुभाष शर्मा ने बताया कि पिछले 2 दशकों से भी अधिक समय से उनके घर में कोई त्यौहार नहीं मनाया और उनकी पत्नी की मृत्यु भी इसी गम में हो गई। आरोपियों के पारिवारिक सदस्य गीता चौधरी के इस मामले में सामने आने से अब उन्हें इंसाफ की कुछ उम्मीद बंधी है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि यदि दीवाली तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे अपने परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे। आत्मदाह करते समय वे एक नोट पर प्रशासन व अन्य कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराएंगे। उनका कहना है कि सी.बी.आई. व पुलिस ने अभी तक जांच आदि का जो ड्रामा किया है उस जांच से भी वे कंगाल हो गए हैं। 

गत माह भी सी.बी.आई. के अधिकारी पवन कुमार उनके पास आए थे और उनसे 2 गवाहों की जानकारी लेकर वापस चले गए और अभी तक इस संबंध में उनसे अभी तक कोई और अधिकारी नहीं मिला है और न ही इस संबंध में उन्हें कोई और जानकारी है। हालांकि दूसरी बार यह केस सी.बी.आई. ने अपने हाथ में लिया है। वर्ष-1995 से सी.बी.आई. इस केस की जांच कर रही है लेकिन 22 वर्ष के बाद भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। 
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कुछ इस प्रकार घटी थी घटना 
अगस्त 1995 में रेलवे कॉलोनी निवासी सुभाष शर्मा की नाबालिग बेटी रेणुका शर्मा जब स्कूल से घर आ रही थी तो रास्ते में कुछ युवकों ने उसका अपहरण कर लिया था। 
अपहरण के बाद उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद एक बोरी में रेणुका के शव को डालकर स्कूटर पर रख उसे आरोपियों द्वारा रेल लाइन के बने जंगल में डाल दिया गया था। किसी तरह जब लोगों को इसकी जानकारी मिली तो पुलिस को सूचित किया गया। इस हत्याकांड के बाद कई गवाह सामने आए जिन्होंने बताया कि किन लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उस दिन से लेकर आज तक रेणुका हत्या को लेकर परिवार को इंसाफ नहीं मिला। हालांकि उस समय इस मामले को लेकर पूरा शहर सड़कों पर उतरा था और आंदोलन भी हुए थे लेकिन रसूख व प्रभाव के चलते आज तक भी परिजनों को कोई इंसाफ नहीं मिला।
 

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