किसानों के खिले चेहरे: फसलों के लिए अमृत बनी बरसात, काफी हद तक पानी की कमी को किया पूरा

Edited By Isha, Updated: 29 Dec, 2024 05:31 PM

rain nectar crops large extent water shortage met now

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते शनिवार को दूसरे दिन भी आकाश में बादल छाए रहे। पिछले 24 घंटो के दौरान औसतन 22.28 एमएम बारिश हुई। उचाना के कुछ गांवों में हुई ओलावृष्टि  ने जरूर चिंता

जींद: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते शनिवार को दूसरे दिन भी आकाश में बादल छाए रहे। पिछले 24 घंटो के दौरान औसतन 22.28 एमएम बारिश हुई। उचाना के कुछ गांवों में हुई ओलावृष्टि  ने जरूर चिंता बढ़ाई, लेकिन दिसंबर माह के अंत में हुई बारिश से सूखी ठंड से राहत मिली। साथ ही बिजी गई रबी फसलों के लिए अमृत का काम कर गई।  
 
शुक्रवार को शुरू हुई रूक-रूक बारिश का सिलसिल देर रात तक जारी रहा। शनिवार को दिन का आगाज आकाश में छाए गहरे बादलों के साथ हुआ। जबकि हवा की गति में उतार चढ़ाव बना रहा, जिसके चलते ठिठुरन का अहसास होता रहा। दोपहर बाद सूर्य देवता के दर्शन हुए। न्यूनतम तापमान   में भी गिरावट दर्ज की गई। लोग गर्म कपड़ो में लिपटे नजर आए। बादलों के छाए रहने से बारिश के आसार भी बने रहे। लोगों ने जल्दी से कामकाज निपटाए और जल्दी घरों में लौट गए।

 
जींद में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी है। अगेती फसल में दूसरी बार सिंचाई का समय आ चुका था। वहीं पछेती फसल में किसानों को पहली सिंचाई करनी थी। अब वर्षा होने से सिंचाई की पूर्ति होने के साथ-साथ फसल में फुटाव भी ज्यादा होगा। रबी फसल बिजाई के बाद से जिले में अच्छी बारिश की दरकार किसानों को थी। सूखी ठंड ने किसानों को बेहाल कर दिया था। धुंध तथा कोहरा भी नहीं पड़ रहा था। अब हुई बारिश ने काफी हद तक फसलों में पानी की कमी को पूरा कर दिया है। पिछले 24 घंटों के दौरान जुलाना में 39 एमएम बरसात हुई।

 
 

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