केन्द्र सरकार के अध्यादेशों के समर्थन में उतरे लोहारू क्षेत्र के प्रगतिशील किसान

Edited By Shivam, Updated: 21 Sep, 2020 07:36 PM

progressive farmers of loharu region descended in support of ordinances

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के समर्थन में लोहारू क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने सोमवार को बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों पर सवार होकर दादरी मोड़ पहुंचे। किसानों ने तीनों अध्यादेशों का समर्थन करते हुए दादरी मोड से लोहारू के शास्त्री पार्क तक...

लोहारू (चंद्र शेखर धरणी): केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के समर्थन में लोहारू क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने सोमवार को बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों पर सवार होकर दादरी मोड़ पहुंचे। किसानों ने तीनों अध्यादेशों का समर्थन करते हुए दादरी मोड से लोहारू के शास्त्री पार्क तक अध्यादेशों के समर्थन में नारे लगाकर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

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इस अवसर पर उपस्थित किसान राजेंद्र सिंह खेड़ा, छत्रपाल चहड़ कलां,कमल सिंह ओबरा, मीरसिंह शेरला, सुनील कुमार, वेद प्रकाश, संदीप बल्हारा ,राजेश  तेजपाल राजपूत, सिंगराम बिश्नोई , रामेश्वर बिधनोई, धर्मपाल नम्बरदार मंढोली कलां, दान सिंह गढवा, रामचन्द्र ढाणी, रमेश बड़वा, कृष्ण सिवानी, राजकुमार कालोद,महाबीर गोकुलपुरा, भागमल गुर्जर, महेंद्र बरालू, महाबीर गोठड़ा, रामफल पहाड़ी, रत्न सिरसी, रामचन्द्र गिगनाऊ, जयसिंह फरटिया, चन्द्रभान श्योराण, धर्मपाल बुढेड़ा आदि का कहना था कि यह अध्यादेश किसानों को अपना उत्पाद देश भर में कहीं भी बेचने का अवसर देते हैं। यह किसानों की आर्थिक आजादी के लिए उठाया गया सही कदम है। हम स्थानीय मंडियों में अपने उत्पाद बेचें, चाहे प्रदेश में या पूरे देश में कहीं भी, हमारे लिए देश के बाज़ार खोल दिए गए हैं। किसान के उत्पाद बेचने के लिये चार विकल्प दिए गए हैं। किसान अपना माल बेचें, उत्पादक संघ बनाकर अपना माल बेचें, किसी व्यवसायी से अनुबंध करके अपना माल बेचें अथवा स्थानीय मंडी में समर्थन मूल्य पर अपना माल बेचें। चार विकल्प मिलना हमारे लिये खुशहाली के रास्ते खोलेगा।

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किसानों ने कहा कि अनुबंध खेती में ई- रजिस्ट्री में सारा लेखा-जोखा होगा। इससे अनुबंध करने वाला व्यवसायी अपनी शर्तों से भाग नहीं सकेगा। तीन उपबंधों के कारण कोई भी व्यवसायी अनुबंध खेती की आड़ में किसानों की जमीन नहीं ले सकेगा। कोई भी व्यवसायी एक बार अधिक धन देकर उसके चुकाने की एवज में किसानों से बंधुआ खेती भी नहीं करा सकेगा। कोई व्यवसायी हमारे खेत में यदि ट्यूबवेल व पोली हाउस जैसा ढांचा खड़ा कराता है और यदि वह अनुबंध के बाद निश्चित समय के भीतर उसे नहीं हटाता है, तो किसान उसका मालिक हो जाएगा। इसके अलावा किसानों को नवीनतम खेती की जानकारी मिल सकेगी।

किसानों ने कहा कि इन अध्यादेशों में आवश्यक वस्तु अधिनियम में भी छूट दी है। लेकिन फल-सब्जी के दाम दोगुने व खाद्यान्नों, दलहन व तिलहन के दाम डेढ़ गुना होने पर इस शर्त का प्रतिबंध लगा कर सरकार पुन अधिकार ले सकती है। इसमें काला बाजारी रोकने व उपभोक्ता को भी सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने वाले कानून को यथावत रखा है। कृषि एवं लागत मूल्य आयोग के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। प्रगतिशील किसानों ने कहा कि वे पूरी तरह से इन अध्यादेशों के समर्थन में हैं। 

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