निजी स्कूल एसोसिएशन का सरकार को अल्टीमेटम ! 11 अगस्त को महापंचायत में लेंगे फैसला

Edited By Isha, Updated: 12 Jul, 2024 02:05 PM

private school association s ultimatum to the government

पिछले लंबे समय हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर उन्हें पूर्ण करने की कोशिश कर रही प्रदेश के निजी स्कूलों की एसोसिएशन भी अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में आ गई है।

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  पिछले लंबे समय हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर उन्हें पूर्ण करने की कोशिश कर रही प्रदेश के निजी स्कूलों की एसोसिएशन भी अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में आ गई है। इसी को लेकर एसोसिएशन की ओर से चंडीगढ़ में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।

इस दौरान एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने विस्तार से अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह पिछले करीब 10 साल से सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन आज भी उनकी 90 से 95 फीसदी समस्याएं पहले की तरह से वैसे ही खड़ी है, जिसके चलते हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में बहुत आक्रोश बना हुआ है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस प्रकार से शिक्षा मंत्री सकारात्मक रूप से उनकी बात सुन रही है, उससे उन्हें उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान होगा। ऐसा नहीं होने पर 11 अगस्त को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से हरियाणा में महापंचायत का आयोजन किया गया है, जिसमें आगामी रणनीति को लेकर फैसला लिया जाएगा। 

20 मांगों का बनाया 20 सूत्रीय कार्यक्रम
कुलभूषण शर्मा ने बताया कि कोई ना कोई वर्ग हमेशा, कहीं ना कहीं समस्याओं से ग्रस्त रहता ही है। इसी प्रकार से हरियाणा में प्राइवेट स्कूल हमेशा समस्याओं से ग्रस्त रहे हैं। हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने से पहले रामबिलास शर्मा और प्रो. गणेशीलाल से उन लोगों ने मुलाकात की थी। उन्होंने अपने घोषणा पत्र में भी सरकार आने पर उचित मांगे मानने का आश्वासन देते हुए समस्याएं कम से कम करने की बात कही थी, लेकिन आज करीब 10 साल होने के बावजूद उनकी 90 से 95 फीसदी समस्याएं वैसे ही खड़ी है। हालांकि इस दौरान कई मुद्दों पर सरकार के साथ चर्चा हुई। उनमें कई मामलों की फाइलें आज भी लंबित पड़ी है, जबकि फैसलों पर सरकार की ओऱ से यू-टर्न लिया गया, जिसके चलते उनकी 20 मांगे, जिसे अब उन्होंने 20 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया है। आज भी पूर्व की तरह ही खड़ी हैं।

10 साल से रुका 134-एक का भुगतान
अपनी समस्याओं की जानकारी देते हुए कुलभूषण शर्मा ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी समस्याओं में 134-ए के पैसे का भुगतान है, जोकि पिछले 10 साल से रुका हुआ है। उन्होंने दावा किया कि कानूनी रूप से उनकी ये राशि एख हजार करोड़ से भी अधिक की बनती है, क्योंकि दिल्ली में 2700 रुपए के हिसाब से प्रति बच्चे का भुगतान होता है। इसी प्रकार से राजस्थान में 1500-1600 रुपए के हिसाब से भुगतान होता है, जबकि हरियाणा सरकार ने भी अपनी चिराग योजना में प्रति बच्चा 1100 रुपए की राशि तय की हुई है, लेकिन 134-ए के तहत उन्हें मिलने वाली राशि को आज तक नहीं बढ़ाया गया है। 

जारी हुआ पैसा वापिस चला गया
निजी स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि अब चुनाव से पहले कुछ पैसा जारी हुआ था, लेकिन अधिकारियों ने उसे वितरित ही नहीं किया। इसलिए वह पैसा वापिस चला गया। इसलिए यह तय होना चाहिए कि ये किसकी गलती से हुआ। सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी, क्योंकि अधिकारियों से काम लेना भी सरकार का ही काम है। यदि किसी अधिकारी ने इस मामले में कोताही बरती है तो सरकार को उस पर सख्ती करनी चाहिए। 

रिव्यू का फॉर्मेट बनवाने को कहा
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कहा जाता है कि 10 साल पुरानी मान्यता वाले स्कूल फिर से मान्यता रिन्यू करवाएं, जबकि रूल में रिव्यू शब्द है और उसका कोई फॉर्मेट नहीं है। इस बारे में वह बार-बार कह चुके हैं कि इसे लेकर एक सरल फॉर्मेट बनवाया जाए, क्योंकि यदि दोबारा से मान्यता लेने के लिए आवेदन करेंगे तो इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। 

बढ़नी चाहिए स्कूली बसों की लाइफ
शर्मा ने कहा कि कोविड में 2 साल तक स्कूल बसें नहीं चली। ऐसे में उनकी लाइफ बढ़नी चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने जींद को एनसीआर में घोषित किया हुआ है। वहां पर स्कूल बस की लाइफ 10 साल है, जबकि अंबाला और कैथल में 15-15 साल है। ऐसे में जींद में स्कूली बस की लाइफ केवल 8 साल रह गई। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में जो निजी स्कूल संचालक बसों का संचालन कर रहे हैं, वह उसकी एवज में बच्चे से 300 से 400 रुपए चार्ज कर रहे हैं। ऐसे में 25 से 27 लाख रुपए की बस लेकर वह कैसे उसके खर्च को पूरा करेंगे। 

शिक्षा मंत्री से हो रही सकारात्मक बात
कुलभूषण शर्मा ने स्वीकार किया कि सभी मांगों को लेकर उनकी हरियाणा की शिक्षा मंत्री से सकारात्मक बातचीत हो रही है, क्योंकि वह भी खुद एक शिक्षिका रही है। ऐसे में वह बात को बहुत सहजता से सुनती हैं और उन्होंने उनकी मांगों का समाधान करने का आश्वासन भी दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि अपनी समस्याओं को लेकर वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से भी मिले थे और उनकी उनके साथ बातचीत भी हुई थी, लेकिन उसके बाद से आज तक उनके शिष्टमंडल को मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिला। अब जब सरकार और अधिकारियों के साथ आपस में बैठकर बातचीत नहीं होगी तो समाधान कैसे निकल पाएंगे ? 

11 अगस्त को महापंचायत में लेंगे फैसला
शर्मा ने कहा कि वह अपनी समस्याओं के हल के लिए सरकार को 30 दिन का समय देते हैं। इसके बाद 11 अगस्त को हरियाणा में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एक बड़ी रैली होगी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्याओं को लेकर सरकार का दृष्टिकोण और रवैया अच्छा है, तो सौहार्दपूर्ण वातारवण में बातचीत नहीं चाहिए। ऐसा नहीं होने पर महापंचायत में लिए जाने वाले फैसले पर ही हरियाणा के सभी निजी स्कूल संचालक चलेंगे।

 

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