निजी एम्बुलेंस चालक डाल रहे मरीजों की जेब पर डाका, मजबूरी का उठा रहे फायदा

Edited By Shivam, Updated: 26 Sep, 2018 08:16 PM

private ambulance driver robbing to patients

एंबुलेंस को मरीजों को स्वास्थ्य बिगडऩे पर लाइफलाइन के रूप में जाना जाता है, लेकिन जब यही लाइफ लाइन मरीजों की जेब पर डाका डालने लगे तो स्थिति थोड़ी बदल जाती है। वर्तमान समय में तो कुछ ऐसा ही देखने में आ रहा...

कैथल(मनोज मलिक): एंबुलेंस को मरीजों को स्वास्थ्य बिगडऩे पर लाइफलाइन के रूप में जाना जाता है, लेकिन जब यही लाइफ लाइन मरीजों की जेब पर डाका डालने लगे तो स्थिति थोड़ी बदल जाती है। वर्तमान समय में तो कुछ ऐसा ही देखने में आ रहा है कि एंबुलेंस चालक अपनी मनमर्जी के दाम मरीजों से वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं यह दाम इतने अधिक है कि जो आम आदमी की पहुंच से बाहर दिखाई देते हैं। 

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ऐसे में जब किसी मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है और डॉक्टर उसे किसी बड़े अस्पताल या पीजीआई में ले जाने की सलाह देते हैं। निजी एंबुलेंस चालक उनसे मुंह मांगा दाम वसूल कर जेब पर डाका डालने का काम करते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, गांव देवीगढ़ निवासी सरिता देवी की तबीयत बिगड़ी तो एंबुलेंस चालक ने कैथल से चंडीगढ़ तक के 15 हजार रुपये मांग लिए। पीड़ित बलिंदर चहल दिलोवाली ने बताया कि जब उन्होंने इसको लेकर एंबुलेंस चालक से बहस की तो उसने कहा कि 15 हजार तो कम मांगे गए हैं। कई बार 18 से 20 हजार तक चंडीगढ़ तक के चार्ज किए जाते हैं।

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यह कोई पहला मामला नहीं है, जिसमें एंबुलेंस चालकों ने मरीजों से मुंह मांगे दाम वसूले हो। समय-समय पर एंबुलेंस चालकों द्वारा मुंह मांगे दाम मांगने की शिकायतें मिलती रही है, लेकिन बावजूद इसके एंबुलेंस चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जिसका फायदा यह मरीजों की जेब पर डाका डालकर उठा रहे हैं। जो भी मरीज बड़े निजी अस्पतालों या पीजीआई में रैफर किए जाते हैं। उनके परिजनों के पास इतना समय नहीं होता कि वो एंबुलेंस चालकों से किसी चीज को लेकर बहस करें इसलिए वह इन्हें मुंह मांगे दाम दे देते हैं। जिस कारण इनका कारोबार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है।

स्वास्थ्य के नाम पर बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार और स्वास्थ्य प्रशासन पर उंगली उठना लाजमी है कि इतनी कम सरकारी एंबुलेंसों के चलते निजी एंबुलेंस और उनके मालिक मुंह मांगे दाम वसूल रहे हैं। बड़ी बात तो यह है कि कई एंबुलेंसों में फस्र्ट एड बॉक्स का पूरा सामान और अन्य जरूरी निर्धारित सामान भी उपलब्ध नहीं है जोकि मरीज की अधिक तबीयत बिगडऩे पर उसे सामान्य इलाज दिया जा सके। 

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सीएमओ से जब इस बारे में बात की गयी तो ब बोले शिकायत मिलने पर उस एम्बुलेंस वाले पर ठोस कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि हर एम्बुलेंस के लिए एक रेट निर्धारित किया गया है अगर कोई ज्यादा पैसे लेता है तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जायेगा।

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