दादरी में बर्ड सेंचुरी बनाने की तैयारी, दिल्ली की टीम ने किया निरीक्षण, पक्षियों की 19 प्रजाति मिली विदेशी

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 12 Feb, 2025 04:17 PM

preparations to build bird century in dadri team from delhi arrived to inspect

दिल्ली से पक्षी संरक्षण की टीम बुधवार को चरखी दादरी के गांव बिरहीं कलां में पहुंचकर जलभराव वाले क्षेत्र का दौरा कर जलीय पक्षियों का निरीक्षण किया। टीम के साथ स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग की टीम मौके पर रही।

चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : दिल्ली से पक्षी संरक्षण की टीम बुधवार को चरखी दादरी के गांव बिरहीं कलां में पहुंचकर जलभराव वाले क्षेत्र का दौरा कर जलीय पक्षियों का निरीक्षण किया। टीम के साथ स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग की टीम मौके पर रही। टीम ने गांव बिरहीं कलां की करीब 75 एकड़ जमीन का साढ़े 5 घंटे तक घूमकर निरीक्षण किया।

टीम ने यहां पहुंचे भारतीय व प्रवासी प्रजाति के पक्षियों की तलाश कर डाटा तैयार किया है। टीम को को इस दौरान 44 प्रजाति के पक्षी मिलें है, जिनमें से 19 विदेश व 3 विलुप्त होने की कगार पर पहुंची प्रजाति शामिल हैं। टीम की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार द्वारा चरखी दादरी में बर्ड सेंचुरी बनाने की पहल की जाएगी।

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44 में से 19 प्रजाति हैं विदेशी

चरखी दादरी के गांव बिरही कलां में करीब साढ़े पांच घंटे के निरीक्षण के बाद दिल्ली से पहुंचे पक्षी विशेषज्ञ टी.के. रॉय ने बताया कि इस क्षेत्र में कुल 44 प्रजाति के पक्षी मिले हैं। जिनमें 25 भारतीय प्रजाति के हैं, जबकि 19 विदेशी प्रजाति के पक्षी हैं। जिसमें एशियन, साइबेरियन प्रजाति शामिल हैं। कुछ पक्षी ऐसे हैं जो हिमालय की ऊंचाई को पार कर पहुंचे हैं। तीन दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी शामिल हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। 

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ऐसी प्रजाति हैं जो खत्म होने की कगार पर हैं

उन्होंने बताया कि पेटेंट स्टार्क व ब्लैक हैडेड ऐसी प्रजाति हैं, जो पूरे विश्व में विलुप्त होने की कगार पर हैं। जबकि यूरेसियन स्पून बिल दुनिया के दूसरे देशों में तो पाई जाती हैं लेकिन भारत में विलुप्त होने की कगार वाली श्रेणी की प्रजाति में शामिल हैं।

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

टीम में शामिल जैव विविधता की जिला समन्वयक बबीता श्योराण ने बताया कि डाटा लिया गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे, ताकि इस क्षेत्र को आरक्षित घोषित कर पक्षियों को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने बताया कि बर्ड सेंचुरी के लिए यह स्थान काफी उपयुक्त है। वहीं गांव के पंचायत सदस्य राजबीर सिंह ने कहा कि सरकार यदि उनके गांव में बर्ड सेंचुरी बनाती हैं, तो पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। 

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