ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को चेतावनी से भड़के पंचायत सदस्य, बोले- गलतफहमी में हैं CM

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 04 Feb, 2023 04:50 PM

panchayat member angry on warning sarpanches opposing e tendering

नरवाना में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा दिए गए बयान को लेकर सरपंचों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार झूठ बोलने वाली सरकार है।

जुलाना(विजेंद्र) : ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को लेकर चल रहा सरपंचो का धरना लगातार जारी है और जुलाना में भी सरपंच पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे हैं। इस बीच नरवाना में दिए गए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान को लेकर सरपंचों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार झूठ बोलने वाली सरकार है। सरपंचों ने प्रदेश सरकार को जुमलेबाज सरकार बताते हुए सीएम के बयान पर पलटवार किया है।  

 

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सीएम के बयान के बाद सरपंच बोले- मुख्यमंत्री को हुई गलतफहमी

 

सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान सुधीर बवाना ने कहा कि इस सरकार ने जनता से लगातार झूठ बोले हैं। चुनावों में जीतने के लिए सरकार ने हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपए डालने का ऐलान किया था, जोकी एक सफेद झूठ साबित हुआ है। वहीं सीएम मनोहर लाल के बयान पर उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि कुछ सरपंचों ने विकास कार्य करवाने की शुरुआत कर दी है। ऐसे में ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों के हिस्से का फंड भी काम करवा रहे सरपंचों को दे दिया जाएगा। सरपंचों ने कहा कि ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री ने दिखा दिया कि उन्हें कोई गलतफहमी है। सरपंचों ने कहा कि सरकार ने सरपंचों के अकाउंट में काम करवाने के लिए जो फंड डाला है, उस पर सिर्फ उसी सरपंच का हक है। यह सरपंच की मर्जी है कि वह इस रुपए का इस्तेमाल अभी करना चाहता है या फिर बाद में। वहीं ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों का कहना है कि सरकार तानाशाही फरमान सुनाते हुए सरपंचों के हक पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग को लागू कर सरकार ठेकेदारों की जेब भरना चाहती है।

 

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सीएम ने नरवाना में ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को दी थी चेतावनी

 

शुक्रवार को नरवाना में आयोजित गुरु रविदास जयंती समारोह के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को मंच से चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार ने गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए 1100 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। काफी सरपंचों ने इस फंड का इस्तेमाल कर अपने-अपने गांव में विकास कार्य करवाने की शुरुआत भी कर दी है। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल 31 मार्च तक किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी कुछ सरपंच ई-टेंडरिंग का विरोध करने के चक्कर में इस राशि का इस्तेमाल कर गांव में विकास कार्य नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने ऐसे सरपंचों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे अपने हिस्से के फंड का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो यह फंड भी उन सरपंचों को दे दिया जाएगा, जिन्होंने अपनी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करवाने की शुरुआत कर दी है। इसके बाद विरोध कर रहे किसान बाद में चिल्लाते फिरेंगे कि हमारा फंड चला गया। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि सभी सरपंच मिलकर 31 मार्च से पहले इस 1100 करोड़ रुपए की पूरी राशि का इस्तेमाल भी कर लेते हैं, तो सरकार और फंड देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। सीएम ने कहा कि सरपंचों को अपने गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए सामने आना चाहिए। प्रदेश सरकार सरपंचों को हर मदद देने के लिए तैयार है। 

 

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