आरक्षण के लाभ के साथ जल्द होंगे पंचायत चुनाव, पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए जारी हुआ अध्यादेश

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 01 Sep, 2022 06:26 PM

panchayat elections will be held soon with the benefit of reservation

यह अध्यादेश अब पंचायती राज (संशोधित) अध्यादेश, 2022 कहलाएगा। सरपंचों के पदों में बीसी(ए) को 8% आरक्षण देने वाले अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इसे पंचायती राज विभाग के पास भेजा जाएगा।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में प्रस्तावित पंचायत चुनावों में बीसी(ए) को आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुवार को पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी कर दिया गया है। यह अध्यादेश अब पंचायती राज (संशोधित) अध्यादेश, 2022 कहलाएगा। सरपंचों के पदों में बीसी(ए) को 8% आरक्षण देने वाले अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इसे पंचायती राज विभाग के पास भेजा जाएगा। विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद सीटें आरक्षित करने की प्रक्रिया जारी होगी। माना जा रहा है कि अक्तूबर कर पंचायत चुनाव करवा दिए जाएंगे।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछड़ा वर्ग आयोग का हुआ था गठन

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि पंचायती राज संस्थाओं में बीसी-ए को आरक्षण का लाभ देने के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बिना बीसी-ए को आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी। इसलिए सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस दर्शन सिंह के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था। सीएम मनोहर लाल ने बताया कि कमीशन ने हर इकाई की जाति के अनुसार सैंपल सर्वे कराया और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने कहा कि इसका ध्यान भी रखा जाएगा कि आरक्षण किसी भी हालत में 50 फीसदी से अधिक ना हो। मंत्रिमंडल द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।

 

ग्राम पंचायत में ऐसे दिया जाएगा आरक्षण का लाभ

 

मंत्रिमंडल द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।  ऐसे वार्डों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों को छोडक़र पिछड़ा वर्ग के लिए ड्रॉ के माध्यम से अलॉट किया जाएगा। प्रत्येक चुनाव में रोटेशन के आधार पर वार्ड आरक्षित किया जाएगा। यानी यदि किसी ग्राम सभा या ब्लॉक में बीसी(ए) की आबादी कुल जनसंख्या का 30 प्रतिशत है तो वहां 15% सीटें बीसी(ए) के लिए आरक्षित की जाएंगी। शर्त है कि कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।

 

इसी प्रकार जिला परिषद में भी पिछड़े वर्ग(ए) के लिए आरक्षित होंगे। इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या उस जिला परिषद में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात के समान होगी। यह ड्रा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में रोटेशन अपनाया जाएगा

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