विधानसभा में मुख्यमंत्री ने दिया जवाब, बोले- विपक्ष मुद्दाविहीन, अखबारों में छपने के लिए उठाते हैं मुद्दे

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 22 Feb, 2023 11:04 PM

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मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता, वे ज्यादातर मुद्दे सिर्फ अखबारों में छपने के लिए ही उठाते हैं। उनके पास कहने के लिए कुछ नया नहीं है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज विधानसभा बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा उपरांत जवाब देते हुए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल विरोध करने के नाते से विरोध करता है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता, वे ज्यादातर मुद्दे सिर्फ अखबारों में छपने के लिए ही उठाते हैं। उनके पास कहने के लिए कुछ नया नहीं है।

 

मनोहर लाल ने ई-टेंडरिंग की व्यवस्था पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार को जीरो लेवल पर लाने के प्रयास किए हैं। एक सिस्टम खड़ा किया है। पंचायतों और शहरी निकायों को अधिक अधिकार दिए हैं। विकास के कार्य पंचायतें करवाएंगी, सरकार का काम फंड उपलब्ध करवाना है। हर पंचायत साल के शुरू में ही पोर्टल पर जो भी विकास कार्य किए जाने हैं, उनकी सूची अपलोड करेगी। सरकार ने इस वर्ष की आखिरी तिमाही में 1100 करोड़ रुपये पंचायतों को दिये हैं। काम की जरूरतों के अनुसार पंचायतें इस राशि को खर्च कर सकती हैं।

 

उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल बनाया है। अब तक पंचायतों में 2 लाख रुपये से नीचे के 2890 काम शुरू हो चुके हैं। 3254 पंचायतों ने अपने प्रस्ताव पारित कर दिए हैं। 2 से 5 लाख रुपये तक के 3297 काम पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 600 कॉन्ट्रैक्टर ने पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए हाल ही में विज्ञापन जारी किया जा चुका है।7471 टीजीटी पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें 714 संस्कृत टीजीटी के पद शामिल हैं। 1252 पद मेवात काडर के तथा 100 उर्दू टीजीटी पद भी शामिल हैं।

 

एजुसेट चौकीदार अब मल्टी पर्पज वर्कर कहलाए जाएंगे, वेतन भी मिलेगा न्यूनतम 14 हजार

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में एजुसेट चौकीदार को अब मल्टी पर्पज वर्कर कहा जाएगा और उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे उनका मासिक वेतन 7 हजार से बढ़कर लेवल-1 श्रेणी में न्यूनतम 14 हजार रुपये हो जाएगा।

 

फसल नुकसान की जानकारी का अधिकार किसानों को दिया

मनोहर लाल ने कहा कि फसल नुकसान की जानकारी का अधिकार स्वयं किसानों को देने के लिए फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया है। किसानों द्वारा पहले पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने का समय 72 घंटे था, जिसे अब बढ़ाकर 7 दिन कर दिया है। इतना ही नहीं, किसान के साथ-साथ पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार भी इस पोर्टल पर खराब फसलों का ब्यौरा डालते हैं। इस डाटा को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज फसलों के डाटा के साथ मिलान किया जाता है। एसडीम 25 प्रतिशत और उपायुक्त 10 प्रतिशत खराबे की रैंडमली चेकिंग करते हैं। इस सारी प्रक्रिया से किसानों के फसल की वास्तविक खराबे की जानकारी मिल जाती है।  

 

स्कूली छात्रों को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट लेने के समय जमा कराना होगा टैबलेट

मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्रों से टेबलेट वापिस लेने के संबंध में कहा कि स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट लेने के समय ही उन्हें टैबलेट स्कूल में वापस जमा करवाना होगा। उन्होंने कहा कि हर साल सीईटी परीक्षा होगी, जिसके तहत ग्रुप सी व डी की भर्तियां की जाएगी। इसके लिए सरकार एक ही परीक्षा के आयोजन का विचार कर रही है। पेपर का स्टैंडर्ड 10वीं कक्षा का होगा। हालांकि, ग्रुप सी के लिए अलग से एक और पेपर देना होगा, जिसके लिए परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इस बारे में महाधिवक्ता से राय ली जा रही है।

 

म्हारा गांव-जगमग गांव योजना में गांव हो रहे रोशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि म्हारा गांव-जगमग गांव से पूरा प्रदेश बिजली से रौशन है। बिजली व्यवस्था में आमूलचूल सुधार हुए हैं। प्रदेश के 7255 गांवों में से 5694 गांवों यानी 78 प्रतिशत गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में स्टिलट पार्किंग के साथ 4 मंजिला घर बनाने की अनुमति दी गई थी, परंतु इस संबंध में कुछ शिकायतें आई हैं, जिसके बाद सरकार ने इस मामले में विशेष कमेटी का गठन किया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक कोई भी नया नक्शा पास नहीं होगा।

 

खाते के साथ खजाने को जोड़ा गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी उनका डीम प्रोजेक्ट है। इसका उद्देश्य मानवीय हस्तक्षेप को कम करके भ्रष्टाचार को बंद करना है। भ्रष्टाचार की लड़ाई भविष्य की लड़ाई है, इसलिए सब ने मिलकर इस लड़ाई को लड़ना है। सरकार ने 100 से अधिक पोर्टल बनाये हैं। डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में पैसे जा रहे हैं। 3 साल से जो अपात्र लाभार्थी थे, उनसे 1150 करोड़ रुपये की सरकार को बचत हुई है। अब खाते के साथ खजाने को जोड़ा गया है।

 

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