आरटीआई में खुलासा: हरियाणा के एक ही विधायक कोरोना फंड में दे रहे अपना पूरा वेतन

Edited By vinod kumar, Updated: 23 Sep, 2020 08:07 PM

only one mla from haryana is giving his full salary in corona fund

हरियाणा विधानसभा के वर्तमान सदस्यों में सदन के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और शेष सभी विधायकों के मार्च, 2020 का वेतन जो अप्रैल, 2020 में अदा किया गया, वह सारा हरियाणा कोरोना राहत कोष में जमा करवाया गया। लिखने योग्य है कि...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानसभा के वर्तमान सदस्यों में सदन के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और शेष सभी विधायकों के मार्च, 2020 का वेतन जो अप्रैल, 2020 में अदा किया गया, वह सारा हरियाणा कोरोना राहत कोष में जमा करवाया गया। लिखने योग्य है कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को हर माह 60 हजार रुपये, जबकि हर विधायक को 40 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त होता है। 

वहीं पानीपत शहरी विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक प्रमोद विज अपने एक वर्ष का संपूर्ण वेतन उक्त फंड में जमा करवा रहे हैं, इसी प्रकार फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा अपने एक वर्ष का 50 प्रतिशत अर्थात आधा वेतन फंड में दे रहे हैं। यह खुलासा हरियाणा विधानसभा सचिवालय द्वारा हाईकोर्ट के एक एडवोकेट हेमंत कुमार द्वारा बीते माह 28 अगस्त को इस विषय पर दायर एक आरटीआई के जवाब से हुआ है।

इसमें बताया गया कि अप्रैल 2020 से मार्च, 2021 तक स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और हर विधायक के प्रतिमाह वेतन का 30 प्रतिशत काटकर हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में जमा करवाया जा रहा है। इस बारे हेमंत ने बताया कि जहां तक हरियाणा के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं अन्य कैबिनेट एवं राज्य मंत्रियों का विषय है, इस बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं है कि क्या वह अपना सम्पूर्ण वेतन अथवा 50 या 30 प्रतिशत वेतन कोरोना रिलीफ फण्ड में आगामी एक वर्ष तक जमा करवा रहे हैं अथवा नहीं।

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हालांकि निर्दलयी विधायक और बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने अपना पूरा वेतन इस बाबत में देने की घोषणा की थी। इन सभी को वेतन एवं भत्ते विधानसभा सचिवालय के हेड से नहीं अपितु हरियाणा सरकार के हेड से प्रदान किए जाते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि उनका उक्त आरटीआई लगाने का उद्देश्य यह था कि चूंकि 26 अगस्त को हरियाणा विधानसभा के एक दिन के सत्र में हरियाणा के विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्ते में उपयुक्त कटौती करने के लिए कोई विधयेक पारित नहीं किया गया इसलिए वह जानना चाहते थे कि कोरोना रिलीफ फंड के लिए उनके वेतन-भत्तों में कितनी और कैसी कटौती की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि इस वर्ष 7 अप्रैल को मोदी सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रपति से एक अध्यादेश- संसद् सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) अध्यादेश, 2020 जारी करवाकर संसद के दोनों सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) के सदस्यों को मिलने वाले वेतन से   अप्रैल, 2020 से एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की गई थी।

इसी प्रकार एक और अध्यादेश जारी करवाकर मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रियों को प्रतिमाह मिलने वाले संपचुअरी अलाउंस (सत्कार भत्ते) में भी एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की गई। इसके अतिरिक्त लोक सभा सचिवालय और राज्य सभा सचिवालय ने अलग नोटिफिकेशन्स जारी कर सांसदों को मिलने वाले निर्वाचन क्षेत्र भत्ते और कार्यालय व्यय भत्ते में भी एक वर्ष के लिए कटौती की है।

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