सत्र 2019-20 में नहीं चलेंगे गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूल

Edited By Shivam, Updated: 03 Mar, 2019 03:44 PM

non recognized private schools will not run in 2019 20

प्रदेश भर में चल रहे हजारों गैर-मान्यता व फर्जी स्कूलों को पूरी तरह बंद करवाने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने पूरी तरह से कमर कस ली है। संगठन का मानना है कि इस तरह से चल रहे यह स्कूल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष...

रतिया (राकेश): प्रदेश भर में चल रहे हजारों गैर-मान्यता व फर्जी स्कूलों को पूरी तरह बंद करवाने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने पूरी तरह से कमर कस ली है। संगठन का मानना है कि इस तरह से चल रहे यह स्कूल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष बृजपाल परमार का कहना है कि गैर-मान्यता व फर्जी स्कूलों पर कार्रवाई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहे केस में हरियाणा सरकार की ओर से एक शपथ पत्र देकर यह कहा गया था कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2019-20 में प्रदेशभर में कोई भी फर्जी स्कूल नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले पिछली सुनवाई 12 नवम्बर को हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट से इस मामले में कुछ समय मांगा था जिसके बाद सरकार की तरफ  से गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रति अपना रुख न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट कर दिया गया है। वहीं 12 नवम्बर को हुई सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।

संगठन के सरकार पर आरोप
सरकार के आंकड़ों पर संगठन ने कुछ आरोप भी लगाए व सवाल भी उठाए। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार, महामंत्री भारत भूषण बंसल व पंचकूला जिला अध्यक्ष सलाऊद्दीन ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा अब तक प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलोंं की संख्या 1087 बताई गई है। उसमें कई सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिसार में सरकार केवल 50 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल मान रही है जबकि संगठन के शपथ पत्र में 242 गैर-मान्यता स्कूल चल रहे हैं। इसी तरह भिवानी में सरकार 70 स्कूलों की संख्या दर्शा रही है जबकि भिवानी में 140 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। रेवाड़ी जिले में 40 स्कूल सरकार मान रही है जबकि संगठन की ओर से 108 स्कूल बताए गए हैं। पंचकूला में सरकार कोई गैर मान्यता स्कूल नहीं बता रही जबकि संगठन ने 5 स्कूल गिनवाए हैं। जींद में भी 10 स्कूल सरकार ने गैर मान्यता वाले बताए हैं। इस पर भी संगठन ने जींद में 60 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की पहचान की है। जिनके संबंध में शपथ पत्र भी न्यायालय में दिया है। इसी तरह सिरसा, फतेहाबाद जिले में भी दर्जनों गैर मान्यता व फर्जी स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं।

शिक्षा विभाग के पास निजी स्कूलों के नहीं हैं सही आंकड़े
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व महामंत्री भारत भूषण बंसल ने बताया कि प्रदेश भर में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ  से शपथ देकर दबाव दाखिल किया गया था जिसमें शपथ पत्र के अंदर सरकार ने आगामी शिक्षा सत्र 2019-20 के दौरान कोई भी फर्जी स्कूल नहीं चलने देने का दावा किया है मगर सरकार की मंशा अभी भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि सरकार को खुद यह तक मालूम नहीं है कि आखिर प्रदेश भर में गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल कितने हैं, इन्हें बंद करवाने के लिए क्या नीति अपनाई जाएगी।  

नए सत्र से प्रवेश पर होगी कार्रवाई
संगठन के अध्यक्ष बृजपाल परमार का कहना है कि नए सत्र से गैर-मान्यता व फर्जी स्कूलों ने अगर बच्चों को प्रवेश दिया तो ऐसे स्कूलों पर संगठन कोर्ट की अमान्य का केस दर्ज करवाएगी। वहीं हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई जिसकी तिथि 18 मार्च है, सरकार ने भी न्यायालय में अब तक की कार्रवाई जो गैर-मान्यता व फर्जी स्कूलों के खिलाफ  की है वह न्यायालय को देनी है इससे साफ  जाहिर होता है कि किसी भी सूरत में गैर-मान्यता स्कूल प्रदेश में अब नहीं चल सकते।

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