शहीद परिवार की भी सुन लो पुकार... सांत्वना देने के लिए नहीं पहुंचा कोई नेता व अधिकारी

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 31 Aug, 2024 04:55 PM

no leader came to console the martyr family

हरियाणा के जिला गुरुग्राम के राजपूत बाहुल्य गांव दौहला के निवासी 24 वर्षीय विकास राघव साल 2019 को फतेहगढ़ सेंटर से मां भारती की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।

सोहना (संवाददाता सतीश कुमार राघव): हरियाणा के जिला गुरुग्राम के राजपूत बाहुल्य गांव दौहला के निवासी 24 वर्षीय विकास राघव साल 2019 को फतेहगढ़ सेंटर से मां भारती की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। जो फिलहाल जम्मू कश्मीर के डोडा में तैनात थे। जो 23 अगस्त को एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। जिनके पार्थिव शरीर को 25 अगस्त को सेना की टुकड़ी द्वारा एक विशेष विमान के जरिये दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया जहां से उनके पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी द्वारा भारी भीड़ के बीच गमगीन माहौल में उनके पैतृक गांव दोहला में लाया गया। जहां पर गाव की शमशान भूमि में सैन्य सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को पंचत्व में विलीन किया गया, लेकिन अफसोस इस बात का है कि जब से शहीद का अंतिम संस्कार किया गया है तब से अभी तक ना तो कोई सरकार का उच्च अधिकारी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचा है और ना ही इस दुख की घड़ी में मौजूदा सरकार के किसी मंत्री व मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार के बीच पहुचकर उनका ढाढस बाधना व सांत्वना देने ठीक समझा है। सरकार के इस रवैये गांव में इलाके के लोगो मे भारी रोष व्याप्त है।

वहीं शहीद के घर से लेकर पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और इलाके के लोग शहीद के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रदांजलि दे रहे है, लेकिन शहीद का परिवार पूरी तरह से सदमे मै है, क्योंकि विकास राघव की करीब एक माह पहले रिंग सेरेमनी हुई थी और 17 नंवम्बर को शादी थी यानी कि जिस घर के अंदर खुशियां आने वाली तो वहां पर आज पूरी तरह से मातम पसरा हुआ है। अगर हम बात करे शहीद के परिजनों की तो उनका रो-रो कर बुरा हाल है। जिनको सिर्फ एक ही अफसोस है कि एक तरफ तो सरकार शहीदों के सम्मान की बात करती है, लेकिन आज तक सरकार का कोई भी नुमाईंदा शहीद के पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने तक उनके घर नही पहुंचा है।

बता दें कि 24 साल का जवान मां भारती की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो जाता है। तो आप खुद सोच सकते है कि परिवार में कैसा माहौल होगा और शहीद के माता पिता पर क्या बीत रही होगी, लेकिन सरकार के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को सिर्फ चुनाव दिखाई दे रहे है ऐसे में नेताओं को देश लिए शहादत देने वाले शहीद के कोई फिक्र नहीं है। बता दें कि 2 सितंबर को शहीद के श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा, लेकिन देखना इस बात का होगा कि शहीद की श्रद्धांजलि सभा में सरकार के कितने नेता व अधिकारी पहुंचते है।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)

 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!