जाटों के धरनों पर आखिरी फैसला अब तक नहीं, दिनभर चला सियासी ड्रामा

Edited By Updated: 17 Mar, 2017 05:56 PM

no final decision on the jats

पिछले 48 दिनों से धरनों पर बैठे जाटों का धरना खत्म होगा या नहीं, इस पर तस्वीर साफ अब तक नहीं हो पाई है।

नई दिल्ली:पिछले 48 दिनों से धरनों पर बैठे जाटों का धरना खत्म होगा या नहीं, इस पर तस्वीर साफ अब तक नहीं हो पाई है। हालांकि कोशिश हर तरफ से हो रही है लेकिन कन्फ्यूजन इतना है कि कुछ फाइनल अब तक हो नहीं पाया है। शुक्रवार को इस मसले पर सियासी ड्रामा जमकर हुआ। पानीपत में हुई बैठक के बाद यशपाल मलिक और रामबिलास शर्मा दोनों ही बैठक को सार्थक बता चुके थे लेकिन शुक्रवार को तस्वीर पूरी बदल गई। रामबिलास शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर औपचारिक ऐलान कर दिया कि जाट मान चुके हैं और धरने खत्म हो जाएंगे, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही जाट नेता यशपाल मलिक का बयान आ गया जिसमें उन्होंने धरना वापस न लेने का ऐलान कर दिया। शाम होते-होते कन्फ्यूजन इतना बढ़ गया कि सी.एम. को सामने आना पड़ा और शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सी.एम. ने साफ कर दिया कि वो नई कमेटी के साथ हुई बातचीत में तय मुद्दों पर सहमत है और इस घोषणा के बाद जाटों को धरने वापस लेने चाहिए। हालांकि अब तक आखिरी फैसला जाट नेता यशपाल मलिक के साथ आया नहीं है। 

शुक्रवार को हुए घटनाक्रम में सबसे पहले सामने आए रामबिलास शर्मा
शुक्रवार को इस मामले में सबसे पहले कमेटी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जाटों के साथ हुई बातचीत में सभी मांगें मान ली गई है और जाटों ने धरना खत्म करने को लेकर अपनी सहमति दे दी है। हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम मौजूद नहीं थे, जिसकी वजह से कुछ ही देर बाद यशपाल मलिक का बयान आ गया, जिसने रामबिलास शर्मा के दावों पर पानी फेर दिया। 

रामबिलास के दावों पर यशपाल ने फेरा पानी
कैबिनेट मंत्री और कमेटी के मुखिया रामबिलास शर्मा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद जाट नेता यशपाल मलिक का बयान आ गया और उन्होंने धरने खत्म न करने की बात कही। ऐसे में सरकार की कोशिशों को फिर झटका लग गया। मलिक ने कहा था कि सीएम खुद सामने नहीं आए हैं ऐसे में वो धरने खत्म नहीं करेंगे। 

आखिरकार सी.एम. मनोहर लाल ने खुद संभाला मोर्चा
पूरे दिन चली कश्मकश के बाद आखिर शाम करीब 5 बजे सीएम मनोहर लाल भी सामने आ ही गए और सभी बयानों पर पूर्णविराम लगाते हुए रामबिलास शर्मा की बातों पर मुहर लगा दी। सीएम ने कहा कि जाटों के साथ पानीपत में बातचीत के दौरान ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है और जाटों ने अपना धरना वापस लेने और 20 मार्च को होने वाले दिल्ली कूच को भी रद्द कर दिया है। साथ ही सी.एम. ने कहा कि सांझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात उन्हें नहीं बताई गई थी और न ही उन्होंने जाटों की किसी बात से इंकार किया है।

सी.एम. ने खुद पढ़ी बातचीत के मुद्दों की लिस्ट
सी.एम. ने इस दौरान वो शर्तें भी पढ़ी जिस पर जाटों और सरकार में सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र में जाटों को आरक्षण के लिए सरकार केंद्र से इस बारे में बात करेगी। पिछले आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों पर पुनर्विचार करेगी। ज्यादातर मामले वापस ले लिए गए हैं और अन्य मामले जो सरकार के दायरे में है उन्हें भी वापस लिया जाएगा। साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा और मृतकों के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। 

अब यशपाल मलिक के पाले में गेंद
सीएम की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब जाट नेता यशपाल मलिक के जवाब का इंतजार है क्योंकि सीएम ने सभी मसलों पर सामने आकर अपनी बात रख दी है और जाट नेता को भी इस बारे में सामने आकर बात करने का न्यौता दिया है। 
इन मांगों लेकर पिछले 48 दिनों से धरने पर बैठे हैं जाट

जानिए किन-किन मांगों पर झुकी सरकार
-हाई कोर्ट से फैसला आने पर जाटों को 9वीं सूचि में शामिल किया जाएगा।
-पिछले साल हिंसक आंदोलन में दर्ज सभी मुकदमों की जांच दोबारा होगी। 
-आंदोलन के दौरान दोषी पाए गए अधिकारियों को सजा दी जाएगी।
-60 दिन के अंदर आंदोलन में मारे गए लोगों के आश्रितों को नियुक्ति दी जाएगी। 
-15 दिनों में सभी पीड़ितों को मुआवजा राशि वितरित की जाएगी। 
-90 पीड़ितों को 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक की सहायता दी गई है। 
-सांसद सैनी पर कार्रवाई को लेकर मलिक नरम, कार्रवाई पर अड़ेंगे नहीं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!