आढ़तियों के आंदोलन ने पकड़ा जोर, कई जिलों से एक साथ उठी आवाज, जानें मुख्य कारण

Edited By Shivam, Updated: 21 Apr, 2020 06:45 PM

movement of adhatris caught vigor voices raised from many districts

हरियाणा में इस समय सरसो फसल की खरीद चल रही है, वहीं गेंहू की खरीद बीती 20 तारीख से शुरु हो चुकी है। लेकिन प्रदेश के आढ़तियों व सरकार के बीच सामंजस्य न बैठ पाने के कारण किसानों को फसल बेचने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कुछ...

करनाल/सिरसा/हिसार: हरियाणा में इस समय सरसो फसल की खरीद चल रही है, वहीं गेंहू की खरीद बीती 20 तारीख से शुरु हो चुकी है। लेकिन प्रदेश के आढ़तियों व सरकार के बीच सामंजस्य न बैठ पाने के कारण किसानों को फसल बेचने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कुछ जिलों में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ आज आंदोलन छेड़ दिया है, वहीं कुछ जिलों में अल्टीमेटम देकर आंदोलन की तैयारी की जा रही है। आइए जानते हैं किस जिलेे के आढ़तियों की क्या है मांग-

करनाल में कल से 15 सौ आढ़ती हड़ताल पर
करनाल जिले के आढ़तियों ने ऐलान कर दिया है कि जिले के लगभग 15 सौ आढ़ती 22 अप्रैल से हड़ताल पर होंगे। मंडी प्रधान रजनीश चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन की गलत नीतियों के कारण किसान व आढ़ती दोनों परेशान हो गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा किसानों पर पाबंदी लगाई गई है कि एक किसान एक ही ट्राली फसल लेकर आएगा, जिस कारण किसानों को कई कई बार मंडी में आना पड़ेगा, क्योंकि कुछ किसानों के पास ज्यादा जमीन हैं जिसमें एक ट्राली से ज्यादा फसल की पैदावार भी हो सकती है। प्रधान रजनीश का कहना है कि फसल की पेमेंट सीधा उनके खाते में होनी चाहिए, इन मांगो को सरकार जब तक पूरा नहीं करती उनकी हड़ताल जारी रहेगी। 

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फतेहाबाद में पीपा बजाकर विरोध प्रदर्शन
फतेहाबाद अनाजमंडी के व्यापारी एकत्र हुए और सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पीपे बजाए और अपनी दुकानों के बही खातें निकाल कर मार्केट कमेटी में जमा करवा दिए। व्यापारियों का कहना था कि सरकार जानबूझ कर ऐसे नियम लागू करना चाह रही है जो न तो व्यापारी के हित में है और न ही किसान के हित में। 

पुरानी पद्धति से हो फसलों की खरीद
हिसार अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान छबील दास केडिया के अनुसार सरकार ने मुख्य अनाज मंडियों के अलावा जो जगह जगह छोटे खरीद सेंटर बनाये हैं वो बिल्कुल गलत हैं। आढ़ती दूसरी जगह पर जाकर गेहूं खरीद नहीं कर सकता क्योंकि इसमें बहुत सी दिक्कतें हैं। वह सरकार से मांग करते हैं कि गेहूं की खरीद पुरानी पद्धत्ति से ही की जाए।

छोटे खरीद सेंटर सुविधा नहीं 
जानकारी के अनुसार गेहूं की खरीद सामान्य दिनों में 30-35 दिनों में पूरी हो जाती है। मगर अब आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने जिस हिसाब से गेहूं खरीद करने का सिस्टम बनाया है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि गेहूं की खरीद तीन महीने से पहले पूरी नहीं होगी। वहीं दूसरी तरफ छोटे खरीद सेंटर पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है। बरसात आने की स्थिति में वहां रखा गेहूं खराब होना तय है क्योंकि इन सेंटर्स पर शेड तो दूर पक्के फर्श तक नहीं है।

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सिरसा जिले में किसानों की मैपिंग बनी मुख्य रोड़ा
सरकार द्वारा आढ़तियों को किसानों की मैपिंग करवाने के आदेश पर आज सिरसा के आढ़तियों ने मंडी में हंगामा किया। आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने किसानों की मैपिंग करने के आदेश दे दिए हैं जिसमें कई तरह की परेशानी आ रही है। किसानों के फोन नम्बर नहीं मिलते। कई आढ़ती पढ़े लिखे नहीं, जिन्हें मैपिंग करने में दिक्कत आ रही है। वहीं किसी किसान के पास 2 एकड़ जमीन है और उसने 10 एकड़ ठेके पर लेके खेती की हुई है तो उसकी 2 एकड़  फसल की ही मैपिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपने मैपिंग के आदेश को वापस नही लिया तो वह कल से हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम हर आढ़ती की दुकान पर जाएंगे और उनसे समर्थन लेंगे, उसके बाद अगर किसी ने अनाज उतरवाया तो उसपर 21 हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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