Edited By Isha, Updated: 30 Nov, 2025 08:04 PM

हरियाणा के 2808 प्राइवेट स्कूल इन दिनों प्रशासनिक जंजाल में फंसे हुए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूलों का एमआईएस पोर्टल पिछले 8 महीनों से बंद है, जिससे ऑनलाइन एडमिशन, रिकॉर्ड अपडेट और सरकारी
चंडीगढ़ : हरियाणा के 2808 प्राइवेट स्कूल इन दिनों प्रशासनिक जंजाल में फंसे हुए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूलों का एमआईएस पोर्टल पिछले 8 महीनों से बंद है, जिससे ऑनलाइन एडमिशन, रिकॉर्ड अपडेट और सरकारी योजनाओं से जुड़ी प्रक्रियाएं ठप पड़ी हैं। पोर्टल बंद होने की बड़ी वजह, आरटीई सीटों की रिपोर्टिंग में कथित देरी और तकनीकी फॉर्मेटिंग की गलतियां बताई जा रही हैं।
लेकिन स्कूलों का आरोप है कि विभाग ने न तो समय पर चेतावनी दी और न ही कोई स्पष्ट निर्देश। उलटा पोर्टल लॉक होने के बाद अब 30 हजार से 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का नोटिस भेज दिया गया है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर इस कार्रवाई को एकतरफा और अव्यवहारिक बताया है। संघ प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि अधिकांश स्कूलों ने आरटीई सीटें भर दी थीं, लेकिन विभाग की ओर से फाइनल सबमिट न होने की कोई सूचना ही नहीं दी गई।
संघ का कहना है कि गलती सुधारने का मौका दिए बिना जुर्माना लगाना न्याय नहीं। पत्र में संघ ने सात प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें मुख्य मुद्दे पोर्टल खुलवाना और जुर्माना रद्द करना हैं। बाकी मांगें स्कूल सिस्टम से जुड़े बड़े प्रशासनिक बदलावों से संबंधित हैं। संघ का कहना है कि 2808 स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बिना जुर्माना लिए तुरंत खोला जाए। स्कूल सोसायटियों पर लगाए गए जुर्माने को रद्द करने का आदेश जारी किया जाए।
इसी तरह से चिराग योजना, आरटीई और 134-ए का बकाया भुगतान समय पर मिले। गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को 2011 के वन रूम वन क्लास मॉडल के आधार पर मान्यता मिले। 10 अप्रैल, 2007 से पहले स्थापित अस्थायी स्कूलों को स्थायी मान्यता दी जाए। फायर एनओसी की तरह हाइजीनिक सर्टिफिकेट की वैधता भी 3 वर्ष की जाए। बसों की आयु सीमा बढ़ाई जाए और स्कूल बस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स तथा अन्य टैक्स खत्म किए जाएं।