Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 08 Jul, 2018 12:55 PM
बहादुरगढ़-मुंडका मेट्रो का शुभारंभ हुए दो सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन इस मेट्रो ट्रेन को लाने का श्रेय लेने की होड़ लगातार जारी है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ मुंडका से मेट्रो में बैठकर सिटी पार्क...
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): बहादुरगढ़-मुंडका मेट्रो का शुभारंभ हुए दो सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन इस मेट्रो ट्रेन को लाने का श्रेय लेने की होड़ लगातार जारी है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ मुंडका से मेट्रो में बैठकर सिटी पार्क मेट्रो स्टेशन पहुंचे। बहादुरगढ़ के हर स्टेशन पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वे गोरैया टूरिज्म कॉन्प्लेक्स के पार्किंग लॉट में जनसभा को संबोधित करेंगे। यह जनसभा बहादुरगढ़ में मेट्रो लाने के श्रेय को लेकर हो रही राजनीति का हिस्सा है। हुड्डा जनसभा में मेट्रो ट्रेन को बहादुरगढ़ तक लाने की पूरी हकीकत बताएंगे।
उल्लेखनीय है कि 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहादुरगढ़-मुंडका मेट्रो लाइन का शुभारंभ किया था, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, विधायक नरेश कौशिक के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बहादुरगढ़ में आयोजित जनसभा में शिरकत कर लोगों को मेट्रो की सौगात दी थी। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा इसी जनसभा में बोलने नहीं देने के कारण नाराज होकर वापस चले गए थे।
सांसद बेटे का अपमान किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आज बहादुरगढ़ में एक जनसभा आयोजित की है। मेट्रो ट्रेन के बहादुरगढ़ पहुंचने को लेकर एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है, वहीं इनेलो बहादुरगढ़ में बनाए गए मेट्रो स्टेशनों के नाम के साथ बहादुरगढ़ शब्द नहीं जोड़ने से नाराज हैं।
4 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आई है। मुंडका से बहादुरगढ़ तक मेट्रो लाने के लिए पूर्व की हुड्डा सरकार ने दिल्ली क्षेत्र में बनाई गई मेट्रो लाइन का खर्च भी खुद ही वहन किया था। इस लाइन की लंबाई करीब साढ़े 11 किलोमीटर है और इस पर मुंडका से बहादुरगढ़ तक 7 मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं। इस मेट्रो लाइन पर ट्रेन चलने से लाखों लोग रोजाना इसका फायदा उठा रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दल अपनी-अपनी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं।