हरियाणा में पुरुषों की नसबंदी बनी चुनौती

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 26 Dec, 2018 10:48 AM

men s sterilization challenge in haryana

हरियाणा के परिवार कल्याण एवं नियोजन विभाग के समक्ष पुरुषों की नसबंदी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। परिवार नियोजन के लिए राज्य में महिलाओं को ही आप्रेशन के लिए धकेला जाता है। आंकड़ों की मानें...

चंडीगढ़(अर्चना): हरियाणा के परिवार कल्याण एवं नियोजन विभाग के समक्ष पुरुषों की नसबंदी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। परिवार नियोजन के लिए राज्य में महिलाओं को ही आप्रेशन के लिए धकेला जाता है। आंकड़ों की मानें तो हरियाणा में महज 30 प्रतिशत पुरुष नसबंदी के आप्रेशन करवा रहे हैं, जबकि 75 से 80 प्रतिशत महिलाएं खुद परिवार नियोजन की जिम्मेदारी उठा रही हैं। हालांकि विभाग नसबंदी करवाने वाले पुरुषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा लाभार्थी राशि प्रदान कर रहा है।

जहां पुरुषों को नसबंदी करवाने पर सरकार 2000 रुपए देती है, वहीं महिलाओं को नलबंदी पर सिर्फ 1400 रुपए दिए जाते हैं। अब विभाग ने पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने की दिशा में पुरुष नसबंदी शिविर भी लगाने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में विभाग द्वारा आयोजित ऐसे शिविर में 164 पुरुषों की नसबंदी की गई, जबकि पहले नसबंदी शिविरों में 72 के करीब ही पुरुष आप्रेशन के लिए आगे आते थे। विभाग ने पुरुषों को नसबंदी के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष रेडियो जिंगल भी तैयार करवाए हैं।

हरियाणा के विभिन्न जिलों में परिवार नियोजन के तरीकों का अलग-अलग ट्रैंड है। मेवात और पलवल की महिलाएं गर्भ निरोधक के लिए 3 महीनों में एक बार अंतरा इंजैक्शन लगवाना पसंद कर रही हैं। पंचकूला की महिलाएं लैप्रोस्कोपिक प्रोसिजर से फैलोपियन ट्यूब्स को बंधवा रही हैं। सिरसा की महिलाएं मिनी लैप्रोस्कोपी से गर्भ निरोधक करवा रही हैं।

गर्भ निरोधक के लिए 4756 महिलाओं ने लगवाए इंजैक्शन
हरियाणा में परिवार नियोजन के लिए 3 महीने पहले लांच किए गए अंतरा इंजैक्शन के प्रति महिलाओं का रुझान बढ़ रहा है। 3 महीने में एक बार लगाए जाने वाले अंतरा इंजैक्शन अब तक 4756 महिलाएं लगवा चुकी हैं। विभाग द्वारा सप्ताह में एक बार लगवाए जाने वाले छाया इंजैक्शन को भी प्रोमोट किया जा रहा है। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने इस इंजैक्शन को प्रोमोट करने के उद्देश्य से फोन बेस प्रोग्राम भी शुरू करने की योजना तैयार की है।

जो महिलाएं 3 महीने पहले इंजैक्शन लगवा चुकी हैं, उन्हें 3 महीने पूरे होने के बाद फोन कॉल करके अगला इंजैक्शन लगाने की तिथि भी याद दिलवाई जाएगी, ताकि किसी का इंजैक्शन मिस न हो। इसके अलावा मेवात, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पानीपत में सलामती पायलट प्रोजैक्ट के अंतर्गत अंतरा और छाया इंजैक्शंस को प्रोमोट किया जा रहा है। पायलट प्रोजैक्ट के परिणामों को ध्यान में रखते हुए उसके बाद समूचे हरियाणा की महिलाओं को इंजैक्शन के प्रति जागरूक किया जाएगा।

डाक्टर्स का कहना है कि यह इंजैक्शन किसी भी तरीके से महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है। इस इंजैक्शन का असर 3 महीने तक रहता है और उस दौरान महिला के गर्भधारण को रोका जा सकता है। यह इंजैक्शन हरियाणा के सरकारी अस्पताल और डिस्पैंसरियों में नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं। इंटरा यूटेरिन कंट्रासैपटिव डिवाइस (कॉपर-टी) के बाद राज्य की महिलाओं के लिए अब इंजैक्शन पहली पसंद बनते जा रहे हैं।
 

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